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Bengal Politics: बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर बढ़ती शिकायतें

सीबीआइ अधिकारी भी मान रहे हैं कि ऐसा लगता है कि हमारी टीम के जिलों और गांवों के दौरे से डरे व सहमे लोगों में विश्वास और साहस बढ़ा है और अधिक लोग अपनी शिकायतें लेकर आगे आ रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 01:16 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 01:16 PM (IST)
Bengal Politics: बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर बढ़ती शिकायतें
सीबीआइ को जो शिकायतें मिली हैं उसकी संख्या और अधिक है।

कोलकाता, स्टेट ब्यूरो। बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर सीबीआइ ने अब तक 34 प्राथमिकी दर्ज की है और पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। परंतु, हिंसा को लेकर सीबीआइ के समक्ष अतिरिक्त शिकायतें आने लगी है। इसे लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की विशेष समिति से उन शिकायतों की सीबीआइ ने सूची मांगी है जिसकी परिस्थितिजन्य दबाव के कारण जांच नहीं हो सकी है।

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आलम यह है कि कई पीड़ित महानगर के साल्टलेक स्थित सीबीआइ दफ्तर पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी को ऐसे कई लोगों की शिकायतें मिली हैं जो उच्च न्यायालय को सौंपी गई एनएचआरसी रिपोर्ट में नहीं हैं। कहा जा रहा है कि हाई कोर्ट की पांच जजों की वृहतर पीठ में एनएचआरसी की विशेष समिति की ओर से जो रिपोर्ट दी गई थी उसमें चुनाव बाद हिंसा में हत्या के 29 और दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न के 12 मामलों का उल्लेख था। परंतु, अब तक सीबीआइ को जो शिकायतें मिली हैं उसकी संख्या और अधिक है।

यही वजह है कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों व पीड़ितों से लगातार मुलाकात के बाद भी कई पीड़ित और उनके स्वजन, जिनके मामले अभी दर्ज नहीं हुए हैं, वे अपनी शिकायत लेकर कोलकाता में सीबीआइ दफ्तर पहुंच रहे हैं। सीबीआइ अधिकारी भी मान रहे हैं कि ऐसा लगता है कि हमारी टीम के जिलों और गांवों के दौरे से डरे व सहमे लोगों में विश्वास और साहस बढ़ा है और अधिक लोग अपनी शिकायतें लेकर आगे आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे पुलिस के पास अपनी शिकायत दर्ज कराने से डर रहे थे और इसलिए, वे अब सीबीआइ कार्यालय पहुंच रहे हैं।

सीबीआइ अब तक 40 ऐसे परिवारों से संपर्क कर चुकी है, जिन्होंने स्वेच्छा से अपने पते के साथ अपनी विस्तृत शिकायतें जमा की हैं। इन शिकायतों की गंभीरता की जांच करने के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसी ने तदनुसार आगे की जांच के लिए अधिकारियों को उनके आवास पर भेजेंगे। सीबीआइ अधिकारियों को संदेह है कि और भी परिवार हैं जिन्हें आश्वस्त करना होगा ताकि वे अपने डर से बाहर निकल सकें और जांच एजेंसी को पूरी जानकारी दें ताकि कार्रवाई की जा सके। यह तो सिर्फ सीबीआइ जांच में सामने आ रहा है। जब हाई कोर्ट के निर्देश पर गठित विशेष जांच टीम(एसआइटी) की जांच शुरू होगी तो स्थिति क्या होती है यह देखने वाली होगी। क्योंकि, एसआइटी में बंगाल पुलिस के आइपीएस अफसरों को शामिल किया गया है और हाई कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर नेतृत्व कर रही हैं।


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