Bengal Politics: केंद्रीय चुनाव आयोग भवानीपुर और मुर्शीदाबाद जिले में उपचुनाव को लेकर चिंतित
Bengal Politics बंगाल में पुलिस की भूमिका कैसी है यह सर्वविदित है। यही वजह है कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से भवानीपुर और मुर्शीदाबाद जिले की दोनों विधानसभा सीटों की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर हर दिन रिपोर्ट मांगी है।
कोलकाता, स्टेट ब्यूरो। Bengal Politics बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले और बाद में हुई हिंसा में जानें गईं, महिलाओं की अस्मत लूटी गई, लोगों को बेघर होने के लिए मजबूर होना पड़ा। बंगाल में चुनावी हिंसा कोई नई बात नहीं है यह तो दशकों से चली आ रही है। परंतु, यहां विपक्ष में रहने पर हर दल हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद करते हैं, लेकिन जैसे ही सत्ता मिल जाती है तो वही हिंसा को चुनाव जीतने व वोट के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल करने लगते हैं।
30 सितंबर को बंगाल की तीन विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। कोलकाता के भवानीपुर में उपचुनाव हो रहा है तो मुर्शीदाबाद के शमशेरगंज और जंगीपुर में चुनाव हो रहा है। सियासी हिंसा के मामले में मुर्शीदाबाद की तो बात ही निराली है। वैसे तो चुनाव बाद या पहले हिंसा में कोलकाता भी किसी जिले से पीछे नहीं रहा है। ऐसे में केंद्रीय चुनाव आयोग कानून-व्यवस्था को लेकर काफी चिंतित है।
यही वजह है कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से भवानीपुर और मुर्शीदाबाद जिले की दोनों विधानसभा सीटों की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर हर दिन रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने इस बाबत राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है, जिसमें चुनाव आचार संहिता की भी याद दिलाई गई है। कानून-व्यवस्था के अलावा केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी और मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब को पत्र लिखकर कहा है कि जिन क्षेत्रों में चुनाव और उपचुनाव होंगे वहां के विकास कार्यो के लिए कोई नया फंड आवंटित नहीं किया जा सकता है।
यदि किसी कार्य का आदेश पहले ही दिया जा चुका है, लेकिन कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, तो उसे शुरू नहीं किया जा सकता है। चुनाव के बाद शुरू होगा। इस पत्र के बाद मुख्य सचिव ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त और मुर्शीदाबाद जिले के पुलिस अधीक्षक को कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखने का निर्देश दिया है और मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने संबंधित जिलों को निर्देश पत्र अग्रसारित कर दिया है।
अब देखने वाली बात होगी कि आयोग की निगरानी के बाद कोलकाता और मुर्शीदाबाद जिले की पुलिस कानून-व्यवस्था को लेकर क्या कदम उठाती है? बंगाल में पुलिस की भूमिका कैसी है यह सर्वविदित है। कलकत्ता हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में कोलकाता व राज्य पुलिस की फजीहत हो चुकी है। विधानसभा चुनाव के दौरान तो आलम यह था कि राज्य के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीरेंद्र को पद से आयोग ने हटा दिया था। अब देखना है कि इस उपचुनाव में क्या होता है?