Move to Jagran APP

Bengal Politics: बंगाल में भाजपा तृणमूल कांग्रेस को तिहरी रणनीति पर घेर रही

Bengal Politics भगवा ब्रिगेड ने तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दो सांसदों शिशिर अधिकारी एवं सुनील मंडल को लोकसभा सचिवालय की ओर से दलबदल विरोधी कानून के तहत नोटिस भेज कर पहली चाल चल दी है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 11:37 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 11:37 AM (IST)
Bengal Politics: बंगाल में भाजपा तृणमूल कांग्रेस को तिहरी रणनीति पर घेर रही
भाजपा दलबदल विरोधी कानून के तहत मुकुल की सदस्यता खारिज कराने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट जाने की तैयारी में।

कोलकाता, स्टेट ब्यूरो। बंगाल विधानसभा की सभी स्थायी समितियों से इस्तीफा देने के बाद लोक लेखा समिति अध्यक्ष मुकुल राय के विधायक पद खारिज कराने को लेकर भाजपा ने तिहरी रणनीति बनाई है। जिससे बच निकलना तृणमूल कांग्रेस नेता मुकुल राय के लिए आसान नहीं होगा। भगवा ब्रिगेड ने तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दो सांसदों शिशिर अधिकारी एवं सुनील मंडल को लोकसभा सचिवालय की ओर से दलबदल विरोधी कानून के तहत नोटिस भेज कर पहली चाल चल दी है। क्योंकि तृणमूल कांग्रेस के नेता बार-बार यह कह रहे थे कि पहले दलबदल विरोधी कानून के तहत शिशिर और सुनील पर कार्रवाई की जाए।

loksabha election banner

ऐसे में अब नैतिक और राजनीतिक रूप से तृणमूल और विधानसभा स्पीकर पर दबाव बढ़ जाएगा कि वे भी मुकुल के खिलाफ कार्रवाई शुरू करें। इस बीच मुकुल के विधायक पद खारिज करने को लेकर भाजपा की शिकायत पर शुक्रवार को विधानसभा में सुनवाई हुई थी और तीस जुलाई को फिर से सुनवाई होनी है। इससे पहले ही लोकसभा सचिवालय ने तृणमूल छोड़कर आए भाजपा के दो सांसदों को नोटिस जारी कर दिया है। शिशिर-सुनील को 15 दिनों में नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर लोकसभा अध्यक्ष की ओर से अगर उन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो स्वाभाविक रूप से मुकुल के खिलाफ भी कार्रवाई को लेकर दबाव बढ़ेगा। ऐसे में मुकुल के मुद्दे को खारिज करना ममता के लिए आसान नहीं होगा।

दूसरी रणनीति के रूप में भाजपा दलबदल विरोधी कानून के तहत मुकुल की सदस्यता खारिज कराने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट जाने की भी तैयारी शुरू कर दी है। यदि विधानसभा स्पीकर कुछ कार्रवाई नहीं करते हैं तो भाजपा नेताओं ने साफ कह दिया है कि वे लोग कोर्ट जाएंगे। तीसरी रणनीति के तहत आगामी माह नौ अगस्त को दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफा से रिक्त हुई राज्यसभा सीट पर होने वाले चुनाव में जीत की संभावना नहीं होने के बावजूद भाजपा अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। भगवा कैंप के ऐसा करने के पीछे का मकसद अपने पार्टी विधायकों को व्हिप जारी कर मुकुल राय पर दबाव बनाना है। क्योंकि व्हिप जारी हो जाने पर यदि मुकुल भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान नहीं करते हैं तो वे कार्रवाई के दायरे में आ जाएंगे। परंतु राज्यसभा की एक ही सीट के लिए मतदान होना है और तृणमूल के पास 210 विधायक हैं। ऐसे में मुकुल अनुपस्थित रहेंगे तो कुछ अधिक फर्क नहीं पड़ेगा। खैर जो भी हो पर, भाजपा मुकुल को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ेगी। मुकुल राय के विधायक पद को खारिज कराने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तिहरी रणनीति बनाई है। राय के लिए इससे बच निकल पाना आसान नहीं होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.