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बंगाल के मंत्री ने अमेरिका की दिग्गज इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला के मालिक को राज्य में निवेश का दिया न्योता

भाजपा ने साधा निशाना कहा- टीएमसी ने ही बंगाल में टाटा के नैनो संयंत्र को नहीं लगने दिया था।बंगाल सरकार में अल्पसंख्यक विकास और मदरसा शिक्षा मंत्री मोहम्मद गुलाम रब्बानी ने एक ट्वीट करते हुए एलन मस्क को राज्य में टेस्ला की फैक्ट्री लगाने के लिए आमंत्रित किया।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 09:57 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 09:57 AM (IST)
बंगाल के मंत्री ने अमेरिका की दिग्गज इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला के मालिक को राज्य में निवेश का दिया न्योता
बंगाल के मंत्री ने टेस्ला के मालिक को राज्य में निवेश का दिया न्योता

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भारत सरकार से चुनौतियों का सामना कर रहे अमेरिका की दिग्गज इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला के मालिक एलन मस्क को तेलंगाना व महाराष्ट्र के बाद बंगाल से भी निवेश के लिए आफर मिला है। बंगाल सरकार में अल्पसंख्यक विकास और मदरसा शिक्षा मंत्री मोहम्मद गुलाम रब्बानी ने एक ट्वीट करते हुए एलन मस्क को राज्य में टेस्ला की फैक्ट्री लगाने के लिए आमंत्रित किया।

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रब्बानी ने एलन के एक ट्वीट के जवाब में कहा कि वह पश्चिम बंगाल आ सकते हैं जहां बेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर है और उनकी लीडर ममता बनर्जी का विजन बहुत अच्छा है। आगे उन्होंने लिखा कि बंगाल का मतलब है बिजनस।इधर, टेस्ला को ममता सरकार के इस न्योते पर राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा ने आइना दिखाते हुए जबरदस्त निशाना साधा है। भाजपा के आइटी सेल के प्रमुख व बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा कि 14 साल पहले इसी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बंगाल के सिंगूर में टाटा के नैनो संयंत्र को नहीं लगने दिया था।

ममता पर किया कटाक्ष

अमित मालवीय ने निशाना साधते हुए कहा, आपको लगेगा कि यह मजाक है, लेकिन नहीं। पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने एलन मस्क को बंगाल में निवेश करने का प्रस्ताव दिया है। उनकी पिच ममता बनर्जी की ओर से बंगाल में चुनाव के बाद कराई गई हिंसा से शुरू होगी और सिंगूर प्रदर्शनों पर खत्म?

गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र और तेलंगाना के मंत्री ने भी अमेरिका की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी को राज्य में उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया था। मस्क ने एक ट्वीट के रिप्लाई में कहा था कि भारत में उत्पाद पेश करने के लिए कंपनी को भारत में सरकारी स्तर पर बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल, टेस्ला ने पिछले साल भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में कटौती की मांग की थी। भारी उद्योग मंत्रालय ने टेस्ला से कहा था कि वह पहले भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण शुरू करे, उसके बाद ही किसी कर छूट के बारे में विचार किया जा सकता है। 


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