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मुख्यमंत्री के क्रियाकलाप से एनएचआरसी की ‘शासक का कानून’ वाली टिप्पणी सही साबित होती है: धनखड़

ममता बनर्जी को मंगलवार को लिखे पत्र में धनखड़ ने राज्य सरकार पर राज्यपाल को वांछित जानकारी उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया और कहा कि यह बनर्जी का संवैधानिक दायित्व है कि वह राज्य के प्रशासनिक मामलों से जुड़ी सूचनाएं मुहैया कराएं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 10:17 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 10:17 PM (IST)
बंगाल के राज्यपाल ने ममता बनर्जी सरकार पर संविधान का अतिक्रमण करने का आरोप लगाया।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी सरकार पर ताजा हमला करते हुए मुख्यमंत्री पर संविधान का अतिक्रमण करने का आरोप लगाया और दावा किया कि बनर्जी के क्रियाकलाप एनएचआरसी की समिति की उस टिप्पणी को सही ठहराते हैं कि राज्य में कानून का शासन नहीं बल्कि शासक का कानून है। राज्यपाल ने बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच के लिए गठित समिति का हवाला दिया। बनर्जी को मंगलवार को लिखे पत्र में, धनखड़ ने राज्य सरकार पर, राज्यपाल को वांछित जानकारी उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया और कहा कि यह बनर्जी का संवैधानिक दायित्व है कि वह राज्य के प्रशासनिक मामलों से जुड़ी सूचनाएं मुहैया कराएं।

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धनखड़ का पत्र गुरुवार को सार्वजनिक किया गया जिसमें कहा गया है कि संविधान का लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है जिससे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की वह टिप्पणी सही साबित होती है कि राज्य में कानून का शासन नहीं बल्कि शासक का कानून चलता है। पत्र में उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल कोई सूचना मांगते हैं तो वह उनसे छुपाई नहीं जा सकती और ऐसा करना यह संकेत देता है कि राज्य सरकार संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार नहीं चल रही। यह पत्र बनर्जी द्वारा 22 जनवरी को भेजे गए एक पत्र के जवाब में लिखा गया है।


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