बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का हमला, संविधान का अभूतपूर्व उल्लंघन कर रही है ममता सरकार
राज्यपाल को कोरोना वायरस महामारी के दौरान खरीदे गए सामानों की जांच रिपोर्ट बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस) बंगाल एयरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट जीटीए मां कैंटीन और पेगासस अधिसूचना सहित कोई भी जानकारी न देना संवैधानिक कर्तव्य की अवहेलना और राज्य सरकार की विफलता को दर्शाता है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हमला जारी रखते हुए गुरुवार को ममता बनर्जी सरकार पर संविधान का अभूतपूर्व उल्लंघन करने का आरोप लगाया। धनखड़ ने ट्वीट कर कहा कि ममता सरकार संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत उन्हें दी गई जिम्मेदारियों का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को कोरोना वायरस महामारी के दौरान खरीदे गए सामानों की जांच रिपोर्ट, बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस) बंगाल एयरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट, जीटीए, मां कैंटीन और पेगासस अधिसूचना सहित कोई भी जानकारी न देना संवैधानिक कर्तव्य की अवहेलना और राज्य सरकार की विफलता को दर्शाता है।
इसे अभूतपूर्व संवैधानिक उल्लंघन करार देते हुए राज्यपाल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 166 (3) और एआइएस (आचरण) नियम 1968 के तहत निर्धारित काम करने के नियमों का खुले तौर पर उल्लंघन किया गया है और यह चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देश के संविधान के प्रति सच्ची आस्था, निष्ठा रखने और संविधान के तहत कार्य करने की अपनी शपथ को साबित करें।
बताते चलें कि बंगाल सरकार और राज्यपाल के बीच विभिन्न मुद्दों पर लगातार टकराव जारी है। राज्यपाल लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए सामानों में भ्रष्टाचार समेत अन्य योजनाओं में हुई गड़बड़ी से संबंधित उनके द्वारा मांगी गई सूचना राज्य सरकार द्वारा उन्हें मुहैया नहीं कराई गई है। राज्यपाल इसको लेकर कई बार मुख्यमंत्री को पत्र भी लिख चुके हैं।