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West Bengal : धान की खरीदारी के लिए योजना आरंभ करेगी बंगाल सरकार

बंगाल में लगभग 72 लाख धान किसानों में से अब तक करीब 13 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है।कृषि अधिकारी ने कहा कि इस साल काफी पैदावार हुई है लेकिन मांग कम रही है जिसका असर धान की कीमत पर पड़ा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 08:21 AM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 08:21 AM (IST)
West Bengal : धान की खरीदारी के लिए योजना आरंभ करेगी बंगाल सरकार
बंगाल में लगभग 72 लाख धान किसानों में से अब तक करीब 13 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल सरकार अपनी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए धान की खरीदारी की योजना शुरू करने जा रही है, ताकि आगामी जून तक करीब 10 करोड़ लोगों को बिना रुकावट के नि:शुल्क चावल दिया जा सके। राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य 30 लाख से अधिक किसानों को पंजीकृत करना है।

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उन्होंने बताया कि बंगाल में लगभग 72 लाख धान किसानों में से अब तक करीब 13 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है। मल्लिक ने कहा, ‘‘हम अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचने की योजना बना रहे हैं, ताकि हमारी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए चावलों की लगातार आपूर्ति के मकसद से धान की खरीदारी की जा सके। योजना जल्द ही शुरू की जाएगी और हम इस महीने के अंत में धान की खरीदारी शुरू कर देंगे।’’

कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस साल काफी पैदावार हुई है, लेकिन मांग कम रही है, जिसका असर धान की कीमत पर पड़ा है और यह सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी नीचे चली गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हम हर किसान से खरीदी जाने वाली धान की सीमा तय करने की योजना बना रहे हैं। इससे इस योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों को पंजीकृत कराने में मदद मिलेगी।’’ सरकार हर किसान से करीब 45 क्विंटल धान खरीदने की योजना बना रही है।

बताते चलें कि राज्य में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में राज्य सरकार किसानों को साधने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना यहां लागू नहीं किए जाने को लेकर विपक्षी भाजपा लगातार सवाल उठाती रही है।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी इसको लेकर कई बार सवाल उठा चुके हैं। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों कहा था कि यदि राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र धन मुहैया कराने की व्यवस्था करेगा तो वह इस योजना को लागू करने को तैयार हैं। परंतु केंद्र ने ममता की इस मांग को ठुकरा दिया था। केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा कि देश के बाकी राज्यों की तरह सीधे किसानों के खाते में ही वह पैसे भेज सकती है। राज्य सरकार को हालांकि यह मंजूर नहीं है। 


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