West Bengal: आपदा से निपटने के लिए 24 चक्रवात राहत केंद्र स्थापित करेगी बंगाल सरकार
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने 24 चक्रवात राहत केंद्रों के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। विनाशकारी चक्रवातों की एक श्रृंखला ने राज्य के तीन जिलों में सबसे अधिक नुकसान किया है। उन क्षेत्रों में पहले से ही कई चक्रवात केंद्र हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। आपदा से निपटने के लिए बंगाल सरकार ने तीन जिलों में 24 चक्रवात राहत केंद्र स्थापित करेगी। दरअसल पिछले दो वर्षों में आए एम्फन और यास जैसे विनाशकारी चक्रवातों की एक श्रृंखला ने राज्य के इन तीन जिलों में सबसे अधिक नुकसान किया है। खासकर दक्षिण 24 परगना के सुंदरवन से सटे तटीय इलाकों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
आपदा से निपटने के लिए नबान्न एक के बाद एक कदम उठा रहा है। इस बार राज्य ने उस दिशा में एक और कदम उठाया है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार ने 24 और चक्रवात राहत केंद्र (पश्चिम बंगाल में नए चक्रवात केंद्र) स्थापित करने की अनुमति दी है। चक्रवात केंद्र पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना में स्थापित किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने 24 चक्रवात राहत केंद्रों के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है, जबकि एक से अधिक चक्रवात राहत केंद्र बनाने का प्रस्ताव पेश किया जा चुका है। विनाशकारी चक्रवातों की एक श्रृंखला ने राज्य के तीन जिलों में सबसे अधिक नुकसान किया है। उन क्षेत्रों में पहले से ही कई चक्रवात केंद्र हैं। लेकिन नबान्न भविष्य को ध्यान में रखते हुए और अधिक चक्रवात केंद्र बनाने पर जोर दे रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, दक्षिण 24 परगना में 11, उत्तर 24 परगना में चार और पूर्वी मिदनापुर में नौ चक्रवात राहत केंद्र बनाए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक प्रत्येक चक्रवात राहत केंद्र के निर्माण पर करीब एक करोड़ रुपये की लागत आएगी। प्रति चक्रवात राहत केंद्र एक से दो हजार निवासियों को आश्रय प्रदान करना संभव है। राज्य सरकार ने आने वाले दिनों में और अधिक चक्रवात केंद्र बनाने पर जोर दिया है ताकि निवासियों को चक्रवात के प्रभाव से बचाया जा सके और आश्रय शिविरों में ले जाया जा सके।
पहले चरण में इन 24 चक्रवात राहत केंद्रों के निर्माण के लिए हरी झंडी दी जाएगी, लेकिन आने वाले दिनों में नबान्न और अधिक चक्रवात केंद्र बनाने की मंजूरी देगा। सूत्रों के मुताबिक चक्रवात राहत केंद्रों की संख्या में कदम दर कदम बढ़ोतरी की जाएगी। नबान्न के अनुसार चक्रवात केंद्र उन क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे जहां पिछले अनुभव के कारण नुकसान का उच्च जोखिम है।