प्रवासी मजदूरों का डेटा संग्रह करने के लिए ऐप तैयार कर रही है बंगाल सरकार, ममता करेंगी उद्घाटन
प्रवासी मजदूर के आवासीय पते फोन नंबर परिवार के सदस्यों बैंक खाते आधार और पैन कार्ड रक्त समूह और उसके या उसके कौशल का विवरण ऐप में उपलब्ध होंगे।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। पश्चिम बंगाल सरकार लॉकडेन अवधि के दौरान राज्य में वापस आए प्रवासी मजदूरों, साथ ही उनके परिवारों के बारे में विस्तृत जानकारी संग्रहीत करने के लिए एक मोबाइल ऐप तैयार कर रही है। सोमवार को राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग लगभग 11 लाख श्रमिकों का डेटा एकत्र कर रहा है, जो अन्य राज्यों से वापस आ गए हैं।
मंत्री घटक ने कहा, "डेटा संग्रह की प्रक्रिया पूरी होने के अंतिम चरण में है। जानकारी ऐप में दी जाएगी। एक बार जब यह पूरा हो जाएगा तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसका उद्घाटन करेंगी। ऐप में एक मजदूर की व्यक्तिगत और व्यावसायिक जानकारी होगी। प्रवासी मजदूर के आवासीय पते, फोन नंबर, परिवार के सदस्यों, बैंक खाते, आधार और पैन कार्ड, रक्त समूह, और उसके या उसके कौशल का विवरण ऐप में उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि विभाग इसमें एक विकल्प रखने की कोशिश कर रहा है ताकि सरकार मजदूर को मदद की पेशकश कर सके, जो संकट में है।
पश्चिम बंगाल में पेट्रोल और डीजल की कीमत में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन
पश्चिम बंगाल में पेट्रोल और डीजल की कीमत में वृद्धि को लेकर कांग्रेस और वाम दल ने सोमवार को केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। आज सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक, राज्य के जिलाधिकारी कार्यालयों के सामने धरना दिया गया। इस दौरान कांग्रेस तथा वाममोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बैनर, प्लेकार्ड, सामाजिक दूरी बनाए रखने और मास्क पहनने के माध्यम से पेट्रोलियम मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग की। कार्यकर्ताओं ने केंद्र की मोदी सरकार के विरोध में नारे लगाए। इसके अलावा आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर "स्पीक अप ऑन पेट्रोलियम प्राइस हाइक" नामक एक विशाल ऑनलाइन अभियान में भाग लिया और ट्रक, टैक्सी, उबर, ओला ड्राइवरों और आम जनता की दुर्दशा को उजागर करने वाले लाइव वीडियो पोस्ट किया।