बंगाल सरकार नदिया टिशू कल्चर केंद्र के लिए पीपीपी माडल पर कर रही है विचार
राज्य के खाद्य प्रसंस्करण और बागवानी सचिव सुब्रत गुप्ता ने मर्चेंट चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री वार्ता में कहा-हमारे पास नदिया जिले के गायेशपुर में भूमिभवन और उपकरण जैसे सभी बुनियादी ढांचे के साथ एक ऊत्तक संवर्धन केंद्र है।हम चाहते हैं कि इसे पीपीपी माडल के आधार पर चलाया जाए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता । बंगाल सरकार ने नदिया ऊत्तक संवर्धन (टिशू कल्चर) केंद्र पीपीपी माडल के जरिए संचालित करने की योजना बना रही है। राज्य के एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तीन-चार छोटे सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित करने की योजना भी बनाई है, जो चार से पांच खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सेवाएं दे सकते हैं। इससे सब्जियों और फलों की खेती करने वाले किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।
राज्य के खाद्य प्रसंस्करण और बागवानी सचिव सुब्रत गुप्ता ने मर्चेंट चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) के एक वार्ता सत्र में कहा, हमारे पास नदिया जिले के गायेशपुर में भूमि, भवन और उपकरण जैसे सभी बुनियादी ढांचे के साथ एक ऊत्तक संवर्धन केंद्र है। हम चाहते हैं कि इसे पीपीपी माडल के आधार पर चलाया जाए। ऊत्तक संवर्धन में सब्जियों और फलों की नई विदेशी किस्मों के उत्पादन और खेती की अपार संभावनाएं हैं।
इससे पहले जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने कोलकाता बायोटेक पार्क में पौधों और सब्जियों के उत्पादन तथा गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए एक अत्याधुनिक ऊत्तक संवर्धन प्रयोगशाला स्थापित करने की घोषणा की थी।
गुप्ता ने कहा कि छोटे पैमाने के सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। सीएफसी में सभी बुनियादी सुविधाएं होंगी, जहां इकाइयां स्थानीय किसानों से सीधे सब्जियां और फल खरीद सकती हैं। बताते चलें कि बंगाल सरकार कई और क्षेत्रों में भी पीपीपी भागीदारी पर जोर दे रही है। साथ ही इसके जरिए रोजगार सृजन भी बढ़ाना चाहती है।