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बंगाल में कोरोना मृत्यु दर केवल 2.2 फीसद, 87.6 फीसद मौतें अन्य गंभीर बीमारियों से हुई : ममता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 87.6 फीसद मौतें कोमॉर्बिडिटी यानी अन्य गंभीर बीमारियों के कारण हुई है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 09:55 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 09:55 PM (IST)
बंगाल में कोरोना मृत्यु दर केवल 2.2 फीसद, 87.6 फीसद मौतें अन्य गंभीर बीमारियों से हुई : ममता

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच बंगाल सरकार ने गुरुवार को दावा किया कि राज्य में कोरोना मृत्यु दर केवल 2.2 फीसद है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 87.6 फीसद मौतें कोमॉर्बिडिटी यानी अन्य गंभीर बीमारियों के कारण हुई है। यानी कोरोना मृतकों में लगभग 88 फीसद मरीज गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे। मुख्यमंत्री ने राज्य में कम मृत्यु दर पर संतोष जताते हुए यह भी कहा कि डिस्चार्ज की दर यहां 70 फीसद है जो बहुत अच्छा है।

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ममता ने जोर देकर कहा कि हमने पहले ही कहा था कि ज्यादातर मौतें कोमोरबिडिटी के कारण होती है और अब केंद्र और अन्य राज्य सरकारें भी इसको मान रही है। इस दौरान राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा कि राज्य में फिलहाल कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों की संख्या 1,144 है जबकि मॉडरेट लक्षणवाले मरीजों की तादाद 1,043 है। 1,134 ऐसे मरीज हैं, जिन्हें कोई लक्षण नहीं हैं। 

कोलकाता और अन्य जिलों के अस्पतालों में बेड की समस्या नहीं

उन्होंने यह भी कहा कि कोलकाता और अन्य जिलों के अस्पतालों में बेड की कोई समस्या नहीं है। पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध है। सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार अगले दो-तीन दिनों में कोविड पेशेंट मैनेजमेंट सिस्टम शुरू करेगी। इसके माध्यम से राज्य सरकार द्वारा संचालित सरकारी या निजी सभी अस्पतालों में कोरोना के गंभीर रोगियों, हल्के लक्षण वाले या बिना लक्षण वाले रोगियों की स्वास्थ्य स्थिति व संख्या के बारे में हर दिन अपडेट करेंगे। सिर्फ एक क्लिक में आम लोग भी रोगी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी पता कर सकेंगे। ऐसा करने वाला बंगाल पहला राज्य होगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से मुकाबला के लिए बंगाल सरकार ने हर संभव कदम उठाए हैं। उन्होंने हेल्पलाइन नंबर और टेलीमेडिसिन सेवा के बारे में भी बताया और कहा कि कोई भी व्यक्ति फोन करके इसका लाभ उठा सकते हैं।

15 अगस्त से पहले रोजाना 25000 टेस्ट का लक्ष्य पूरा : मुख्‍य सचिव

मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में रोजाना कोविड टेस्ट की संख्या 25 हजार से अधिक हो गई है। सरकार ने 15 अगस्त तक 25,000 प्रतिदिन टेस्ट का लक्ष्य रखा था लेकिन उससे पहले ही यह लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। राज्य में 10 लाख से ज्यादा सैंपल टेस्ट हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से गत 22 जुलाई से रैपिड एंटीजेन टेस्ट की भी शुरुआत हुई है। इनमें 20 फीसद टेस्ट रैपिड होंगे और 80 फीसद आइसीएमआर की गाइडलाइन के तहत सामान्य टेस्ट होंगे। 

5 माइक्रोबायोलॉजिस्ट को लेकर राज्य सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी बनाई

मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से पांच माइक्रोबायोलॉजिस्टों को लेकर एक एक्सपर्ट कमेटी भी बनाई गई है। यह कमेटी विभिन्न लैब का दौरा करेगी और सैंपलों का परीक्षण करेगी। इससे यह जाना जा सकेगा कि लैब की ओर से कोविड के लिए लाये गये नमूनों की जांच सही तरीके से की गई है या नहीं। इक्का-दुक्का ऐसे मामले आये हैं, जहां नकली जांच की गयी और लोगों को ठगा गया। इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि लोगों को ठगा न जाये। इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से एक वेबसाइट स्थापित करने के लिए कहा

मुख्यमंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि यदि कोई किसी लैब का कर्मचारी होने का दावा करता है, तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वह सही बोल रहा है। उसके कागजात को चेक करना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विभिन्न आवासनों में रहने वाले ऐसे वरिष्ठ नागरिक, जो अकेले रहते हैं, उनकी देखभाल जरूरी है। इसके लिए एक सर्वे किया जाये। यह पुलिस व कोलकाता नगर निगम के जरिये किया जा सकता है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से एक वेबसाइट स्थापित करने के लिए कहा, जहां युवा व छात्र स्वयंसेवक के रूप में काम करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।


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