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राज्य चुनाव आयोग ने राज्यपाल को किया सूचित, केएमसी का चुनाव कराने के लिए केंद्रीय बलों की जरूरत नहीं

राज्य चुनाव आयोग ने राजभवन को सूचित किया है कि कोलकाता नगर निगम (केएमसी) का चुनाव कराने के लिए केंद्रीय बलों की जरुरत नहीं है। कोलकाता व राज्य पुलिस की सुरक्षा में केएमसी का चुनाव कराने में कोई समस्या नहीं है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 05:54 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 05:54 PM (IST)
राज्य चुनाव आयोग ने राज्यपाल को किया सूचित, केएमसी का चुनाव कराने के लिए केंद्रीय बलों की जरूरत नहीं
राज्य चुनाव आयोग ने राजभवन को सूचित किया कि केएमसी का चुनाव कराने के लिए केंद्रीय बलों की जरुरत नहीं

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : राज्य चुनाव आयोग ने राजभवन को सूचित किया है कि कोलकाता नगर निगम (केएमसी) का चुनाव कराने के लिए केंद्रीय बलों की जरुरत नहीं है। इसके लिए राज्य की पुलिस ही काफी है। गौरतलब है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य चुनाव आयुक्त सौरव दास से जानना चाहा था कि केएमसी के चुनाव में सुरक्षा की क्या व्यवस्था की जा रही है।

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राज्यपाल केंद्रीय बलों की सुरक्षा में केएमसी का चुनाव कराने के पक्ष में थे। सौरव दास की तरफ से राज्यपाल को सूचित किया गया कि निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के लिए राज्य प्रशासन की तरफ से पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था जा रही है। पुलिस की तैनाती को लेकर जो फार्मूला दिया गया है, उससे राज्य चुनाव आयोग संतुष्ट है। कोलकाता व राज्य पुलिस की सुरक्षा में केएमसी का चुनाव कराने में कोई समस्या नहीं है। कोलकाता पुलिस की तरफ से कहा गया है कि वह राज्य चुनाव आयोग के कहे अनुसार चलेगी।

इस बीच नंदरीग्राम से भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा में विरोधी दल के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय बल के बिना निष्पक्ष व शांतिपूर्ण केएमसी का चुनाव संभव नहीं हैं। विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक हिंसा की 25,000 घटनाएं हो चुकी हैं। अकेले कोलकाता में इस बाबत 500 एफआइआर दर्ज हुए हैं। सुवेंदु ने यह भी कहा कि ईवीएम के साथ अनिवार्य रूप से वीवीपैट का इस्तेमाल होना चाहिए।

वरिष्ठ माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने भी कहा कि केंद्रीय बलों के साए में केएमसी का चुनाव कराया जाना चाहिए। दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि विरोधी दल बेवजह केंद्रीय बल का राग अलाप रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में केंद्रीय बल की तैनाती की गई थी, इसके बावजूद वे हार गए थे। केएमसी के चुनाव में भी उनकी हार निश्चित है।


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