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व्हील चेयर से ममता का इमोशनल कार्ड, मेरा दर्द बांग्ला मानुष की पीड़ा से कम, देखें मुख्‍यमंत्री की रैली की तस्‍वीरें

नंदीग्राम में हाल में चोटिल होने के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने व्हील चेयर पर बैठकर ही बंगाल के सियासी अखाड़े में विपक्षी दलों को चोट पहुंचाने का मन बना लिया है। व्हील चेयर पर बैठकर ही ममता ने रैली को किया संबोधित

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 08:04 PM (IST)
व्हील चेयर से ममता का इमोशनल कार्ड, मेरा दर्द बांग्ला मानुष की पीड़ा से कम, देखें मुख्‍यमंत्री की रैली की तस्‍वीरें
व्हील चेयर पर बैठकर ही बंगाल के सियासी अखाड़े में कूदीं ममता

पुरुलिया से प्रदीप सिंह! पश्चिम बंगाल में भाजपा की बढ़त से परेशान-हलकान ममता बनर्जी ने पैंतरा बदला है। उनका यह रंग-ढंग सोमवार को झारखंड की सीमा से सटे पुरुलिया जिले के झालदा और बलरामपुर में हुई चुनावी जनसभाओं में दिखा, जहां उन्होंने लोगों के मूड-मिजाज को भांपते हुए अपनी चोट को लेकर सहानुभूति पाने की कोशिश की, वहीं जातीय गणित को देखते हुए आदिवासी-कुड़मी कार्ड खेला।

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नंदीग्राम में चोटिल होने की वजह से ममता बनर्जी ने दोनों चुनावी सभाओं को व्हील चेयर पर बैठे-बैठे संबोधित किया। उन्हेंं हेलीकाप्टर से लेकर मंच पर चढ़ाने के लिए विशेष रैंप बनाया गया था। सुरक्षाकॢमयों से घिरीं ममता बनर्जी के तेवर तल्ख थे, चेहरे पर चोट की शिकन नहीं थी। अलबत्ता उन्होंने इसे लेकर लोगों के मन में पैठ करने का प्रयास जरूर किया। बोलीं-मेरे पैर में बहुत पीड़ा है, लेकिन यह बांग्ला मानुष के दर्द से काफी कम है। मुट्ठी भींचकर समर्थकों को ललकारते हुए कहा-खेला होबे। भीड़ ने भी उत्साह से हाथ हिलाकर जवाब दिया। 

ममता बनर्जी ने बार-बार लोगों से नारा लगवाया कि बंगाल को भाजपा नहीं चाहिए। तृणमूल प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अक्षमता के आरोप लगाए, वहीं लोगों को यह भी याद दिलाया कि लोकसभा चुनाव के समय की गई भूल को मत दोहराना। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 18 सीटों पर कब्जा जमा लिया था। ममता बनर्जी ने पुरुलिया के जातीय गणित को भांपते हुए आदिवासियों और कुड़मियों को रिझाने की कोशिश की। कहा, हमने संताली स्कूल बनाए। कुड़माली भाषा को सम्मान दिया। मांझी थान और जाहेर थान समेत अन्य स्थानों के पुजारियों को मानदेय की शुरुआत की। 

अमित शाह कहते तो मैं अपने लोगों को भेज देती : ममता बनर्जी ने दोनों चुनावी सभाओं में भाजपा को निशाने पर रखा। झाडग़्राम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तकनीकी कारणों से रद हुई चुनावी रैली को लेकर तंज कसा। कहा, लोगों की भीड़ ही नहीं जुटी तो सभा कैंसिल करनी पड़ी। भाजपा के नेता हेलिकाप्टर खराब होने का बहाना बना रहे हैं। अगर वे कहते तो मैं वहां अपने लोगों को भेज देती। हाथ लहराते हुए बोलीं-मुझे हटाने की क्षमता भाजपा में नहीं है। जो हमसे टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा।

दंगा-फसाद करना चाहती है भाजपा, रेलमंत्री पर लगाए आरोप : ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनाव में भाजपा ने दंगा-फसाद कराने की तैयारी की है। लोगों से कहा कि वे सावधान रहें। रेलमंत्री पीयूष गोयल का नाम लेते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि रेल के जरिए बाहरी लोगों को बंगाल में लाने की तैयारी चल रही है। वह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी आग्रह करेंगी कि सीमा पर चौकसी बढ़ाएं। अयोध्या पहाड़ के रास्ते बाहरी लोग बंगाल में घुसना चाहते हैं।

बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमाल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी बीते दिनों नंदीग्राम में चोट लगने की वजह से घायल हो गई थीं। इसके बाद उन्हें कोलकाता के एक अस्पताल में एडमिट कराया गया था। शुक्रवार शाम को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। जब वह अपने घर के लिए अस्पताल से निकलीं तो व्हील चेयर पर बैठी हुई थीं। उनके पैर में पट्टी भी बंधी थी।

डॉक्टर ने उन्हें अगले कुछ दिनों तक आराम की सलाह दी है। हालांकि चुनाव सिर पर हो और एक सत्तारूढ़ पार्टी की मुखिया यूं भला घर में कैसे बैठी रह सकती हैं। खबर आ रही है कि नंदीग्राम में घायल हुई ममता 16 मार्च को बांकुरा और 17 मार्च को झारग्राम में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगती हुई दिखेंगी। 

माना जाता है कि राजनेता सियासत में हर घटना को भुनाने की कोशिश करते हैं। ममता बनर्जी तो बीच चुनाव में घायल हुई हैं। वह भी इस मौके को हाथ से जाने नहीं देंगी। उन्होंने खुद इसके संकेत भी दिए थे। ममता बनर्जी का जब कोलकाता के अस्पताल में इलाज चल रहा था तो उन्होंने अपने समर्थकों के लिए एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील तो की ही थी। साथ ही यह भी कहा था कि वह चोट लगने की वजह से व्हीलचेयर पर बैठकर ही प्रचार करेंगी। ममता अगर व्हीलचेयर पर बैठकर चुनावी मंच पर नजर आएंगी तो इसकी प्रबल संभावना है कि सहानुभूति वोट का फायदा टीएमसी को मिल सकता है।


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