Bengal Election 2021: धनकुबेरों की भीड़ में एक प्रत्याशी ऐसा भी, पति मनरेगा मजदूर, भाजपा ने थमाया टिकट
आज के समय में जब राजनीति में धनकुबेरों का वर्चस्व है तब यह कल्पना करना मुश्किल है कि एक मनरेगा मजदूर की पत्नी चंदना बाउरी पश्चिम बंगाल के सालतोरा विधानसभा क्षेत्र से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को टक्कर दे रही हैं।
सालतोरा से प्रदीप सिंह : आज के समय में जब राजनीति में धनकुबेरों का वर्चस्व है, तब यह कल्पना करना मुश्किल है कि एक मनरेगा मजदूर की पत्नी चंदना बाउरी पश्चिम बंगाल के सालतोरा विधानसभा क्षेत्र से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को टक्कर दे रही हैं। बांकुड़ा जिले की इस सुरक्षित विधानसभा सीट से भाजपा ने जब चंदना को अपना प्रत्याशी बनाने की घोषणा की तो सहसा उन्हेंं विश्वास नहीं हुआ। चंदना के पति श्रवण बाउरी राजमिस्त्री हैं। मनरेगा के तहत काम नहीं मिलने पर वे दिहाड़ी मजदूरी भी करते हैं।
चंदना पिछले सात-आठ वर्षों से भाजपा से जुड़ीं हैं। उन्होंने तृणमूल के प्रभाव वाले इलाके से टिकट मिलने के बाद अपनी सक्रियता खूब बढ़ाई है। वह गंगाजल घाटी प्रखंड स्थित अपने गांव केलाई से सुबह निकल जाती हैं और लगातार कार्यकर्ताओं संग गांव-गांव जाकर प्रचार करतीं है। उनके निशाने पर सालतोरा विधानसभा क्षेत्र में काबिज तृणमूल कांग्रेस है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इस दफा यहां सीटिंग विधायक स्वप्न बाउरी को टिकट नहीं दिया है। उनके स्थान पर संतोष मंडल खड़े हैं।
चंदना बाउरी अपने भाषणों में तृणमूल कांग्रेस को भ्रष्टाचारियों की जमात बताती हैं। कहतीं हैं- बंगाल में बगैर कट मनी के कुछ नहीं होता, जबकि केंद्र सरकार हर योजना में सीधे खाते में पैसे ट्रांसफर करती है। तृणमूल कांग्रेस से लोगों का विश्वास उठ चुका है। चंदना लोगों के आकर्षण के केंद्र में हैं। बताती हैं कि उनके पति श्रवण समेत अन्य रिश्तेदार चुनाव प्रचार में उसकी मदद कर रहे हैं। कभी सोचा नहीं था कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी।
वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जबर्दस्त प्रशंसक हैं और प्रचार के दौरान दृढ़ता से तृणमूल की खामियों को उजागर करती हैं। जगह-जगह उनके स्वागत में जुटे भाजपा समर्थक उनका जय श्री राम के जयकारे से स्वागत करते हैं। उनका दावा है कि दीदी (ममता बनर्जी) का इस चुनाव में सफाया हो जाएगा और भाजपा पश्चिम बंगाल में सरकार बनाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्य से पश्चिम बंगाल के लोगों में बहुत उत्साह है और इस दफा यहां असल परिवर्तन होगा।
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कभी फारवर्ड ब्लाक का समर्थक था परिवार : चंदना बाउरी के परिजन कभी वामपंथी संगठन फारवर्ड ब्लाक के समर्थक थे। 2011 के विधानसभा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस समर्थकों का उत्पीडऩ इन्हेंं झेलना पड़ा। इसके बाद परिवार धीरे-धीरे भाजपा के संपर्क में आया। संगठन से नजदीकी बढ़ी तो चंदना बाउरी को गंगाजल घाटी मंडल में भाजपा महिला मोर्चा के महासचिव के तौर पर काम करने का मौका मिला। घर-परिवार की जिम्मेदारी के साथ-साथ संगठन के कार्य को करने में पति श्रवण भी मदद करते हैं। चंदना बाउरी पश्चिम बंगाल के निर्धन प्रत्याशियों में एक है। उनके पास नकद 31985 रुपये हैं और अचल संपत्ति के नाम पर बस दो कमरे। चुनाव प्रचार में उन्हेंं ग्रामीणों से भी मदद मिल रही है।