Bengal Durga Puja: कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस साल भी दुर्गापूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर लगाई रोक
कलकत्ता हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी के मद्देनजर पिछले साल की तरह इस बार भी दुर्गापूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की खंडपीठ ने शुक्रवार को यह निर्देश दिया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी के मद्देनजर पिछले साल की तरह इस बार भी दुर्गापूजा पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की खंडपीठ ने शुक्रवार को यह निर्देश दिया। खंडपीठ ने राज्य के महाधिवक्ता से इस बाबत सरकार की राय जाननी चाही थी, जिसपर महाधिवक्ता ने कहा कि पूजा पंडालों में प्रवेश पर निषेधाज्ञा लगाने को लेकर राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया।
छोटे पंडालों में पूजा आयोजन से जुड़े 15 लोगों से अधिक एक साथ प्रवेश नहीं कर पाएंगे। पंडालों में प्रवेश करने वालों की सूची भी पहले से तय करनी होगी । बड़े पंडालों से 10 मीटर व छोटे पंडालों से पांच मीटर की दूरी पर बैरीकेड लगाना अनिवार्य होगा। हाई कोर्ट ने वर्चुअल पूजा पर जोर दिया है। अदालत के इस फैसले से पूजा आयोजक निराश है, हालांकि बुझे मन से उन्होंने कहा कि वे अदालत के निर्देश का पिछले साल की तरह इस बार भी अक्षरश: पालन करेंगे। वहीं बहुत से पूजा आयोजकों को पहले ही इस बात का अंदाजा हो गया था इसलिए वे अपने पंडाल का इस तरह से निर्माण कर रहे थे कि लोग बाहर से देवी दुर्गा के दर्शन कर सके।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने दुर्गापूजा के मद्देनजर नाइट कर्फ्यू में ढील दी है। 10 से 20 अक्टूबर तक नाइट कर्फ्यू नहीं रहेगा।पिछले साल की तुलना में इस बार कोरोना काफी नियंत्रण में है, फिर भी राज्य प्रशासन बेहद सतर्क है। दुर्गापूजा में होने वाली भीड़ के कारण कोरोना न फैले, इसपर खास नजर रखी जा रही है।