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बंगाल की सांस्कृतिक हस्तियों ने संध्या मुखर्जी को पद्म श्री सम्मान देने की पेशकश के लिए केंद्र सरकार को कोसा

प्रख्यात गायक कबीर सुमन ने कहा अगर वे (केंद्र) गंभीर होते तो वे उन्हें पद्म विभूषण की श्रेणी में कुछ पेशकश करते। लेकिन उनसे यह पूछना कि क्या वह पद्मश्री स्वीकार के लिए सहमत हैं संध्या दी जैसी मिथक बन गयी हस्ती का घोर अपमान है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 06:05 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 06:05 PM (IST)
बंगाल की सांस्कृतिक हस्तियों ने संध्या मुखर्जी को पद्म श्री सम्मान देने की पेशकश के लिए केंद्र सरकार को कोसा
संध्या मुखर्जी को पद्म श्री सम्मान देने की पेशकश के लिए केंद्र की आलोचना

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोलकाता के सांस्कृतिक क्षेत्र की कई प्रमुख हस्तियों ने वरिष्ठ गायिका संध्या मुखर्जी को पद्म श्री सम्मान देने की पेशकश के लिए केंद्र की आलोचना की। संध्या मुखर्जी ने यह सम्मान लेने से इन्कार कर दिया था। प्रख्यात गायक कबीर सुमन, चित्रकार शुभप्रसन्ना और अन्य कलाकारों ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन किया और कहा कि यह 90 वर्षीय गायिका के लिए एक "झटका" से कम नहीं है, जो विभिन्न पीढ़ियों के गायकों के लिए प्रेरणा रही हैं। सुमन ने कहा, "अगर वे (केंद्र) गंभीर होते, तो वे उन्हें पद्म विभूषण की श्रेणी में कुछ पेशकश करते। लेकिन, उनसे यह पूछना कि क्या वह पद्मश्री स्वीकार के लिए सहमत हैं, संध्या दी जैसी मिथक बन गयी हस्ती का घोर अपमान है।"

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शुभप्रसन्ना ने दावा किया कि यह संध्या मुखर्जी और बंगालियों का अपमान है। उन्होंने कहा कि यह बंगालियों के खिलाफ गहरी साजिश है। हम यहां अपना विरोध जताने के लिए आए हैं। साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवि जाय गोस्वामी संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित नहीं हो सके और उन्होंने एक लिखित बयान में कहा, "मैं काफी दुखी हूं क्योंकि यह संध्या मुखर्जी को अपमानित करने के समान है।" वहीं फिल्म निर्देशक सुदेशना राय ने दावा किया कि एक मिथक के साथ इस तरह का व्यवहार चौंकाने वाला है।

बाद में, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया गया। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) के करीबी कुछ बुद्धिजीवी लोग गणतंत्र दिवस के मौके पर कई हस्तियों को सम्मानित करने के केंद्र के कदम को लेकर अनावश्यक रूप से विवाद पैदा कर रहे हैं। नरेन्द्र मोदी सरकार का कोई गलत मकसद नहीं था।"तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री फिरहाद हकीम ने आरोप लगाया कि मुखर्जी को पद्मश्री देने का फैसला राज्य को कमतर बनाने की भाजपा की योजना का हिस्सा है। वरिष्ठ गायिका की पुत्री सौमी सेनगुप्ता ने मंगलवार को कहा था, "90 साल की उम्र में, लगभग आठ दशकों से अधिक के गायन करियर के साथ, पद्मश्री के लिए चुना जाना उन जैसी कलाकार के लिए अपमानजनक है। पद्मश्री किसी जूनियर कलाकार के लिए अधिक योग्य है।’’

इंटरनेट का उपयोग करने वाले कई लोगों ने गायिका के फैसले का समर्थन किया है। वह एसडी बर्मन, अनिल विश्वास, मदन मोहन, रोशन और सलिल चौधरी सहित कई हिंदी फिल्म संगीत निर्देशकों के लिए भी गाने गा चुकी हैं।


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