Bengal coronavirus: अस्पताल में सिर्फ ढाई घंटे की बची थी ऑक्सीजन, रात को जागा कोलकाता, 73 मरीजों की बची जान
कोलकाता के एक निजी अस्पताल में पुलिसकर्मियों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यों की मदद से समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंच जाने से 73 कोरोना मरीजों की जान बच गई। इस दौरान अस्पताल के पास महज ढाई घंटे की ऑक्सीजन बची थी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोलकाता के एक निजी अस्पताल में पुलिसकर्मियों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यों की मदद से समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंच जाने से 73 कोरोना मरीजों की जान बच गई। दरअसल कोलकाता के गड़िया स्थित निजी अस्पताल रेमेडी में कल तकनीकी कारणों से हावड़ा के डोमजूर रिफिलिंग स्टेशन से 65 ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचने में देर हो गई। इस दौरान अस्पताल के पास महज ढाई घंटे की ऑक्सीजन बची थी और इसकी व्यवस्था करने के लिए हाथ में सिर्फ दो घंटे का समय था।
इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग ने रात 9:20 बजे के करीब कोलकाता के पुलिस आयुक्त सोमेन मित्रा को ऑक्सीजन की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। इसके बाद पुलिस आयुक्त के निर्देश पर कोलकाता के विभिन्न अस्पतालों तथा जगहों से पुलिसकर्मी तथा कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने में जुट गए।
कोलकाता पुलिस को शुरू में नौ सिलेंडर मिले। बारुईपुर के एसडीओ ने लिंडे से 40 बी टाइप के सिलेंडर खरीदे। बाद में बारुईपुर अस्पताल से 13 और एमआर बांगुर अस्पताल से 10 सिलेंडर खरीदे गए। रात 11 बजे तक निर्धारित समय में 72 सिलेंडर अस्पताल पहुंच गए।इससे 73 मरीजों की जान बच गई। इसके बाद देर रात 3.30 बजे के करीब हावड़ा के डोमजूर रिफिलिंग स्टेशन से 65 ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल पहुंचे। बताते चलें कि इससे पहले दिल्ली, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र में इस तरह की घटनाएं घट चुकी हैं जहां समय पर ऑक्सीजन मिलने से मरीजों की जान बच गई।