Bengal Assembly Elections 2021: तृणमूल में शामिल होते ही यशवंत सिन्हा को मिली बड़ी जिम्मेदारी, ममता ने बनाया पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
Bengal Assembly Elections 2021 हाल ही में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा को तृणमूल कांग्रेस का उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। शवंत सिन्हा वाजपेयी सरकार में वित्तमंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Bengal Assembly Elections 2021: हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हुए पूर्व वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें टीएमसी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। बता दें कि कोलकाता में टीएमसी दफ्तर में यशवंत सिन्हा ने शनिवार को पार्टी की सदस्यता ली थी। सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रह चुके हैं। सदस्यता लेते समय यशवंत सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय भाजपा सर्वसम्मति में विश्वास रखती थी लेकिन आज की भाजपा कुचलने और जीतने में विश्वास करती है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि आज अकाली दल और शिवसेना जैसे दल ने भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी है। यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी और अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ये चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। यही नहीं सिन्हा ने यह तक कह दिया था कि आज के समय में न्यायपालिका समेत कई लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर हो गई हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों में हलचल जारी है। बंगाल के कोलकाता में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा हाल ही में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्हें ममता बनर्जी ने नई जिम्मेदारी दे कर टीएमसी के उपाध्यक्ष बनाया है। जानकारी हो कि यशवंत सिन्हा वाजपेयी सरकार में वित्तमंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं। सदस्यता लेते समय यशवंत सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि आज अकाली दल और बीजद ने भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी है।
बता दें कि यशवंत सिन्हा ने बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच भयानक संघर्ष की बात कही है। उन्होंने कहा, मैं बहुत अफसोस के साथ कह रहा हूं कि चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संस्था नहीं रही है। तोड़-मरोड़ कर चुनाव (8 चरणों में मतदान) कराने का फैसला मोदी-शाह के नियंत्रण में लिया गया है और भाजपा को फायदा पहुंचाने के ख्याल से लिया गया है। उन्होंने बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच भयानक संघर्ष की बात कही।