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Bengal Assembly Elections 2021: ध्रुवीकरण की हवा में टीएमसी-भाजपा भर रहीं जीत का दंभ

Bengal Assembly Elections 2021 माकपा नेता मोहम्मद सलीम का कहना है कि तृणमूल तथा भाजपा लोगों को हिंदू-मुस्लिम में बांट रही हैं। दोनों ही पार्टियां जनता के सामने बेनकाब हो गई हैं। इस लिए इस बाद मतदाताओं एकमात्र भरोसा वामो-कांग्रेस गठबंधन पर है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 08:31 PM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 09:21 AM (IST)
Bengal Assembly Elections 2021: ध्रुवीकरण की हवा में टीएमसी-भाजपा भर रहीं जीत का दंभ
ध्रुवीकरण की फिजां में दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं।

इंद्रजीत सिंह, कोलकाता। बंगाल में चौथे चरण में हुगली जिले की 10 विधानसभा सीटों पर 10 अप्रैल को मतदान होगा। जिन सीटों पर मतदान होने हैं उनमें उत्तरपाड़ा, श्रीरामपुर, चंडीतला, चांपदानी, सिंगुर, सप्तग्राम, पांडुआ, चुंचुड़ा, बलागढ़ तथा चंदननगर शामिल है। 2016 के विधानसभा चुनाव में पांडुआ तथा चांपदानी सीट पर वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन को जीत मिली थी तथा बाकी सीटें तृणमूल कांग्रेस की झोली में गई थी। हालांकि इस बार के विधानसभा चुनाव में यहां तृणमूल कांग्रेस की राह आसान नहीं है। इस बार उसकी मुख्य प्रतिद्वंदी के रूप में भाजपा उभरी है। ध्रुवीकरण की फिजां में दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं।

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दरअसल लोकसभा चुनाव में ही यहां की सीटों पर भाजपा ने सेंधमारी की थी। उसने 10 सीटों में छह पर बढ़त हासिल की थी जिनमें श्रीरामपुर, सिंगुर, सप्तग्राम, पांडुआ, बलागढ़ तथा चुंचुड़ा सीट शामिल थी, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने उत्तरपाड़ा, चंडीतला, चांपदानी तथा चंदननगर सीट पर बढ़त हासिल की थी।

सिंगुर में दो महारथी करेंगे जोर-आजमाइश: तृणमूल ने सिंगुर विधानसभा सीट से बेचाराम मन्ना को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा में शामिल हुए रवींद्रनाथ भट्टाचार्य यहां से अब तृणमूल को चुनौती देंगे। सिंगुर विधानसभा केंद्र से लगातार चार बार विधायक रहे 80 वर्षीय रवींद्रनाथ भट्टाचार्य चुनावी मैदान में बेचाराम मन्ना को पटकनी देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उनका कहना है कि सिंगुर की जनता ने उन्हें पिछले चार बार से अपना विधायक चुना है और पांचवीं बार भी चुनेंगे। इधर सिंगुर में कारखाने लगाने की बात करने वाली माकपा ने इस सीट से सृजन चक्रवर्ती को अपना उम्मीदवार बनाया है।

तीन विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिमों की आबादी 26 फीसद: जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों पांडुआ, चंडीतला तथा चांपदानी में मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 26 फीसद है। चंडीतला से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार दो बार की विधायक रह चुकीं स्वाति खंडेकर हैं, जबकि टॉलीवुड फिल्म अभिनेता यश दासगुप्ता यहां भाजपा के उम्मीदवार हैं। माकपा ने यहां से मोहम्मद सलीम को मैदान में उतारा है।

तृणमूल कांग्रेस व भाजपा दोनों कर रहीं जीत का दावा: चौथे चरण में हुगली जिले की जिन 10 सीटों पर मतदान होने वाला है उन पर तृणमूल कांग्रेस तथा भाजपा दोनों ही जीत का दंभ भर रही हैं। तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दिलीप यादव का कहना है कि गत लोकसभा चुनाव में माकपा तथा कांग्रेस गठबंधन का मत भाजपा की तरफ हस्तांतरित हो गया जिसके कारण उसे छह सीटों पर बढ़त मिली थी, लेकिन इस बार वोट हस्तांतरण नहीं होगा तथा सभी सीटें तृणमूल की झोली में जाएंगी।

वहीं दूसरी ओर भाजपा के जिलाध्यक्ष गौतम चटर्जी का कहना है कि जिले में भाजपा की स्थिति लगातार मजबूत हुई है। मतदाता तृणमूल के भ्रष्टाचार त्रस्त हो चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां 10 में छह विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाए हुई थी। इस बाद विधानसभा चुनाव में स्थिति और मजबूत होगी। माकपा नेता मोहम्मद सलीम का कहना है कि तृणमूल तथा भाजपा लोगों को ¨हदू-मुस्लिम में बांट रही हैं। दोनों ही पार्टियां जनता के सामने बेनकाब हो गई हैं। इस लिए इस बाद मतदाताओं एकमात्र भरोसा वामो-कांग्रेस गठबंधन पर है।


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