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West Bengal Assembly Elections 2021: बीरभूम में इनकी मर्जी के खिलाफ पत्ता भी नहीं हिलता

Birbhum TMC Leader Anubrata Modal विरोधी दलों का दावा है कि अनुब्रत मंडल ने लोगों को भयभीत करने के लिए यह नारा लगाया है। मामला आयोग तक जा चुका है। याद दिला दें पांच साल पहले विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने अनुब्रत मंडल को नजरबंद किया था।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 12:40 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 01:05 PM (IST)
एक कार्यक्रम के दौरान जवानों की सुरक्षा में अनुब्रत मंडल। सौजन्‍य : अनुब्रत के फेसबुक वाल से

अश्विनी रघुवंशी, बोलपुर (बीरभूम)। Birbhum TMC Leader Anubrata Modal भारी भरकम काया के अनुब्रत मंडल उर्फ केष्टो दा। बीरभूम में तो बस वो ही वो हैं। आम जनता की छोडिय़े, बीरभूम में सियासत करने वाले बंगाल सरकार के मंत्री, सांसद या विधायक भी उनकी अनदेखी नहीं कर पाते। वह किंग नहीं है, मगर किंगमेकर तो हैं। किंगमेकर हैं तभी तो बीरभूम जिला की 11 में नौ विधानसभा सीटें तृणमूल की झोली में डलवा दी। यहां की दो लोकसभा सीटें बीरभूम एवं बोलपुर लोकसभा सीट जीतने में भी तृणमूल कामयाब रही।

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बोलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र मार्ग पर तृणमूल कार्यालय है। अनुब्रत मंडल का किला। पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखने का सारा इंतजाम इस कार्यालय में है। विशाल भवन में इंटरकॉम है। हर तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। तृणमूल के कोलकाता कार्यालय में जाइए तो भी उतनी जांच नहीं होगी, जितनी बीरभूम में। मेटल डिटेक्टर के गेट से गुजरना होगा, सारे सामानों की जांच करानी होगी। बंगाल की सियासत में अनुब्रत मंडल का वजन सिर्फ इस बात से समझ सकते हैं कि ममता सरकार ने उन्हें जेड प्लस की सुरक्षा दी हुई है। वे जहां भी जाते हैं, नीला सफारी सूट पहने छह जवान हर पल उनकी चौकसी करते हैं।

तृणमूल कार्यालय के भीतर बड़े सभागार में केष्टो दा बैठते हैं। दस फीट की दूरी पर दूसरा टेबल लगा हुआ है, जहां उनसे मिलनेवालों के बैठने की कुर्सी है। मुलाकाती कोई भी हो, दस लोग उनकी हर गतिविधि पर नजर रखते हैं। कार्यालय के भीतर या बाहर जितने लोग दिखेंगे, सबके शरीर पर राजनीतिक पोशाक है। तृणमूल का लोगो लगा। इतने सुरक्षा इंतजाम पर केष्टो दा कहते हैं, भाजपा या वाममोर्चा के लोग कुछ भी कर सकते हैं। मैंने वो दौर भी देखा है जब कोई वाम मोर्चा का विरोध करता था तो उसके तालाब की मछलियों को जहर देकर मार दिया जाता था। जाहिर है किसी इंसान के साथ कुछ भी हो सकता है। शायद इसलिए सरकार ने उन्हें सुरक्षा दी है।

आम तौर पर अनुब्रत मंडल के खिलाफ बीरभूम में लोग सार्वजनिक तौर पर नहीं बोलते। बीरभूम के हर गांव में ऐसे लोग मिल जाएंगे जिन्होंने अनुब्रत से किसी ना किसी तरीके से मदद पाई है। मगर यहां ऐसे लोग भी हैं, जो उन्हेंं देखना नहीं चाहते। बोलपुर बाजार में एक शख्स ने कहा, अनुब्रत मंडल का सच जानना चाहते हैं तो मुझसे न मेरा नाम पूछिये न धाम। उस आदमी का जो विरोध करेगा, वो सुबह का सूरज देख पायेगा या नहीं, कोई नहीं जानता। कहने को वो तृणमूल जिलाध्यक्ष हैं। मगर, वास्तव में राजनीतिक गैंगस्टर है।

इंजेक्शन देबेन, भोट कोरिये देबेन के नारे पर चुनाव आयोग में गई शिकायत: भारत निर्वाचन आयोग की फाइलों में अनुब्रत मंडल उर्फ केष्टो दा का नाम मिल जाएगा। चुनाव के वक्त अनुब्रत मंडल के नाम से कोई ऐसा नारा सुनने को जरूर मिल जाता है जो लोगों को एकबारगी सोचने पर मजबूर कर दे। अभी चुनाव आयोग में शिकायत गई है कि अनुब्रत मंडल ने बोलपुर की एक सभा में नारा दिया खेलो होबे, भोट ओ होबे, डाक्तार रा इंजेक्शन देबेन, सोबार भोट कोरिये देबेन। इस नारा का अर्थ है, खेल होगा, चुनाव भी होगा, डाक्टर इंजेक्शन लगायेंगे, सभी से मतदान भी करायेंगे। 


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