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Bengal Chunav: बंगाल में बम धमाके कानून-व्यवस्था पर खड़े कर रहे सवाल

Bengal Chunav बीच सड़क पर भाजपा नेता बाबू मास्टर की गाड़ी रोककर उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं एवं बम फेंके गए जिसमें वे और उनके गाड़ी चालक गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इसे क्या कहा जाएगा?

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 01:10 PM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 01:10 PM (IST)
Bengal Chunav: बंगाल में बम धमाके कानून-व्यवस्था पर खड़े कर रहे सवाल
मुर्शिदाबाद में तो बम धमाके आतिशबाजी के समान हैं।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में बम धमाके और गोलीबारी मानों आम घटनाएं हो गई हैं। ऐसा शायद ही कोई दिन हो, जब सूबे के किसी हिस्से से बम-गोली चलने की खबर न आती हो। मंगलवार रात कोलकाता में बम फटा था और बुधवार रात को मुर्शिदाबाद जिले में जो बमबाजी हुई, उसमें सूबे के श्रम राज्य मंत्री जाकिर हुसैन गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना बताने को काफी है कि बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति क्या है? मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भले यह कह रही हों कि जिस धमाके में मंत्री जख्मी हुए हैं, वह रेलवे का इलाका है, लेकिन यहां सवाल यह उठ रहा है कि अभी पांच दिन पहले उत्तर 24 परगना जिले में बीच सड़क पर भाजपा नेता बाबू मास्टर की गाड़ी रोककर उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं और बम फेंके गए थे। इसमें बाबू मास्टर और उनके गाड़ी चालक गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इसे क्या कहा जाएगा?

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गुरुवार को अपने मंत्री का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि यह हमला एक साजिश का हिस्सा था। कुछ लोग जाकिर हुसैन पर दूसरी पार्टी में शामिल होने के लिए दबाव बना रहे थे। ममता ने रेलवे पर भी निशाना साधते हुए सवाल किया था कि जब हमला रेलवे स्टेशन पर हुआ तो रेलवे सुरक्षा में चूक की अपनी जिम्मेदारी से कैसे इन्कार कर सकता है? हमले के समय स्टेशन पर कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था। वहां बिजली भी नहीं थी, बिल्कुल अंधेरा था। रेलवे पुलिस आखिर क्या कर रही थी? ऐसे में यहां एक और सवाल उठ रहा है कि आखिर जाकिर हुसैन पर किसने और क्यों हमला किया या कराया? इसकी तह में जाने की जरूरत है।

जानकारी सामने आ रही है कि हुसैन लगातार गो तस्करों और इलाके में अवैध गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाते थे। इस बाबत उन्होंने चार वर्ष पहले थाने में अपनी जान को खतरा बताते हुए तहरीर दी थी। इसके बावजूद उन्हें राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? अभी कुछ वर्ष पहले नदिया के कृष्णगंज में तृणमूल के एक विधायक की सरस्वती पूजा पंडाल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बावजूद इसके एक मंत्री की सुरक्षा में लापरवाही क्यों बरती गई? यह सवाल हरेक की जेहन में उठ रहा है। आगामी कुछ दिनों में राज्य में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में इस तरह के बम धमाके यह बताने को काफी हैं कि राज्य के हालात कैसे हैं? मुर्शिदाबाद में तो बम धमाके आतिशबाजी के समान हैं।


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