तृणमूल का आरोप- पीएम मोदी की रैली के लिए बांटे गए 1000 रुपये के कूपन, भाजपा ने आरोपों को किया खारिज
बंगाल में विधानसभा चुनाव के बीच अब कूपन पर विवाद शुरू हो गया है। तीसरे चरण के मतदान के बाद सत्तारुढ़ तृणमूल और वामदलों ने आरोप लगाया कि भाजपा लोगों का समर्थन खरीदने व पीएम मोदी की रैली में आने के लिए एक हजार के कूपन बांट रही है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में विधानसभा चुनाव के बीच अब कूपन पर विवाद शुरू हो गया है। मंगलवार को हुए तीसरे चरण के मतदान के बाद सत्तारुढ़ तृणमूल और वामदलों ने आरोप लगाया कि भाजपा लोगों का समर्थन खरीदने व पीएम मोदी की रैली में आने के लिए एक हजार के कूपन बांट रही है। हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों से इन्कार किया है। बुधवार को इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने संवाददाता सम्मेलन कर भाजपा को घेरा। उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी की रैलियों में आने के लिए भाजपा 1000 रुपये का कूपन बांट रही है। उन्होंने कहा कि मोदी इसी तरह घर-घर पहुंच रहे हैं।
उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की कि इस पर तुरंत कार्रवाई करें और इसे यूं ही नहीं जाने दें। तृणमूल की ओर से इस मामले में चुनाव आयोग से लिखित शिकायत भी की गई है। तृणमूल भवन में पत्रकारों से बात करते हुए रॉय ने कहा कि दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में पीएम मोदी की रैली में शामिल होने के लिए लोगों को यह रकम दी गई है। इसके साथ ही भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए भी ये कूपन बांटे गए हैं। उन्होंने एक रिपोर्ट के हवाले से ग्रामीणों के हवाले से दावा किया कि ये कूपन मोदी की रैली में शामिल होने के लिए बांटे गए। इसमें वादा किया गया कि कूपन के जरिए गांववालों को निश्चित ही एक तोहफा दिया जाएगा।
इधर, रायदीघी से भाजपा प्रत्याशी कांति गांगुली ने दावा किया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं ने ये कूपन दिखाए। उन्होंने कहा कि तृणमूल कार्यकर्ताओं को भी ऐसे कूपन मिले हैं। गांगुली ने आरोप लगाया कि भाजपा ने ये गलत चलन शुरू किया है, लेकिन लोगों ने इस ऑफर को ठुकरा दिया है।
कूपन विवाद पर शाह का पलटवार, दीदी जितने भी पैसे बांटे, पर बंगाल में परिवर्तन होकर रहेगा
इधर, कूपन विवाद पर खुद गृहमंत्री अमित शाह ने बंगाल के हावड़ा में रोड शो के दौरान जवाब देते हुए तृणमूल पर पलटवार किया। इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद बंगाल में पैसे बांटने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन अब यह सब नहीं चलेगा। बंगाल के लोग पूरी तरह समझ चुके हैं और परिवर्तन यहां पर होकर ही रहेगा।