Bengal Chunav: कांग्रेस-आइएसएफ गठबंधन पर अब आनंद शर्मा ने उठाए सवाल, कहा- यह पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है
बंगाल में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) से कांग्रेस के गठबंधन पर अब पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) से कांग्रेस के गठबंधन पर अब पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि आइएसएफ जैसे दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ है। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के 'समूह 23Ó में शामिल शर्मा ने कहा, सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लडऩा है।
बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हेंं अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।
उन्होंने कहा, आइएसएफ और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है। इन मुद्दों पर कांग्रेस कार्य समिति में चर्चा होनी चाहिए थी।
इधर, आनंद शर्मा के वार पर बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष व लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मैं बंगाल का प्रभारी अध्यक्ष हूं लेकिन बिना अनुमति के कोई फैसला नहीं लेता हूं। बता दें कि बंगाल में कांग्रेस ने वामदलों और फुरफुरा शरीफ के पीरजादा व प्रमुख मुस्लिम धार्मिक नेता अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) से गठबंधन किया है। रविवार को तीनों दलों ने कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में साझा रैली की थी। हालांकि तीनों ही दलों के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। साझा रैली के दौरान कांग्रेस व आइएसएफ के बीच दूरी साफ दिखाई दी थी। बता दें कि बंगाल में आठ चरणों में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच मतदान होने हैं। वहीं दो मई को वोटों की गिनती होगी।