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Bengal Chunav: हॉट सीट- नंदीग्राम के साथ ममता बनर्जी का गृह क्षेत्र भवानीपुर में भी दांव पर दीदी की प्रतिष्ठा

Bengal Chunav जोर आजमाइश- ममता बनर्जी का गृह क्षेत्र व परंपरागत सीट के चलते भवानीपुर वर्षो से हॉट सीट है। ममता के गढ़ में सेंध लगाने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। दीदी का गृह व परंपरागत सीट होने के चलते इसपर सभी की नजरें हैं।

By Priti JhaEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 11:28 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 11:30 AM (IST)
Bengal Chunav: हॉट सीट- नंदीग्राम के साथ ममता बनर्जी का गृह क्षेत्र भवानीपुर में भी दांव पर दीदी की प्रतिष्ठा
ममता बनर्जी का गृह क्षेत्र होने के कारण कोलकाता का भवानीपुर वर्षो से बंगाल विधानसभा में हॉट सीट माना जाता।

कोलकाता, राजीव कुमार झा। ममता बनर्जी का गृह क्षेत्र होने के कारण कोलकाता का भवानीपुर वर्षो से बंगाल विधानसभा में हॉट सीट माना जाता रहा है। लेकिन 2011 में अपने दम पर 34 साल के वाममोर्चा शासन का अंत करने वाली ममता ने जब जीत के बाद भवानीपुर सीट से विधानसभा में जाने का फैसला किया तो इसका महत्व और बढ़ गया। मई, 2011 में मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता के लिए खाली की गई इस सीट पर उपचुनाव में परिवर्तन की लहर में उन्होंने 54 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज कर यहां अपनी पैठ साबित की। लेकिन 2016 के विधानसभा चुनाव में यहां ममता की जीत का अंतर घट कर 25 हजार रह गया और 2021 में वे यहां से चुनाव नहीं लड़ रही हैं।

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ममता इस बार अपनी परंपरागत भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं, जहां कभी उनके खास रहे और अब भाजपा की ओर से लड़ रहे सुवेंदु अधिकारी से मुकाबला है। यही वजह है कि नंदीग्राम इस बार सबसे हॉट सीट बन गई है, जिसपर सभी की निगाहें हैं। इधर, भवानीपुर सीट से ममता इस बार भले चुनाव नहीं लड़ रही हैं लेकिन यहां भी उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है। दीदी का गृह व परंपरागत सीट होने के चलते इसपर सभी की नजरें हैं। भाजपा ने ममता के गढ़ में सेंध लगाने व भवानीपुर में जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। यहां सातवें चरण में 26 अप्रैल को मतदान है।

भाजपा के स्टार उम्मीदवार से तृणमूल को मिल रही कड़ी टक्कर

भवानीपुर से ममता ने इस बार पास के रासबिहारी सीट से निवर्तमान विधायक व अपने भरोसे के बिजली मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय को उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकाबला भाजपा के स्टार उम्मीदवार व बांग्ला अभिनेता रुद्रनील घोष और कांग्रेस के युवा नेता शादाब खान से है। खास बात यह है रुद्रनील 2011 से ही तृणमूल में थे और विधानसभा चुनाव से ठीक ही भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा ने उन्हें यहां से उतारकर बड़ा दांव खेला है। सेलिब्रिटी होने के चलते रुद्रनील से तृणमूल उम्मीदवार को यहां कड़ी टक्कर मिल रही है।

मिनी इंडिया के तौर पर प्रसिद्ध है भवानीपुर

दक्षिण कोलकाता लोकसभा सीट के तहत यहां की आधी आबादी बंगाली तो आधी पंजाबी-गुजराती-मारवाड़ी और दूसरे लोगों की है। मिनी इंडिया के तौर पर प्रसिद्ध भवानीपुर में भी इस बार लोगों का मूड कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहा है। स्थानीय लोग इस बार इस सीट के नतीजे को लेकर साफ तौर पर कुछ कहने को तैयार नहीं दिखते। इससे पहले 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में भाजपा को बढ़त मिली थी। वहीं, इस बार जब ममता ने भवानीपुर को छोड़ नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो भाजपा ने दावा किया था कि हार के डर से मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिया। भाजपा नंदीग्राम व भवानीपुर दोनों सीटों पर जीत का दावा कर रही है।

गुटबाजी का भी तृणमूल को हो सकता है नुकसान

इधर, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पास की सीट से विधायक शोभनदेव को यहां से टिकट देने से तृणमूल के अंदर गुटबाजी भी दिख रही है, जिससे स्थिति यहां कमजोर है। गुटबाजी का भी तृणमूल को नुकसान हो सकता है।

क्या कहते हैं वोटर

इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में गुजराती रहते हैं। गुजराती समुदाय के एक व्यक्ति ने नाम प्रकाशित नहीं करने पर बताया कि हम यहीं पैदा हुए और कारोबार कर रहे हैं। अब बाहरी का लेबल लगने के कारण हमारे सामने अस्तित्व का संकट दिख रहा है। बीते सालों में कभी नहीं देखा था कि ऐसा होता है। 


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