सीबीआइ के पूर्व संयुक्त निदेशक और पूर्व मंत्री उपेन विश्वास ने तृणमूल से तोड़ा नाता
उपेन विश्वास का नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर पार्टी से मतभेद हुआ था। उपेन विश्वास ने ईमेल कर अपना इस्तीफा भेज दिया है।ममता बनर्जी के साथ उनके लंबे समय से संपर्क रहे हैं और वह बना रहेगा। उन्होंने पार्टी से किसी तरह का मतभेद होने से भी इन्कार किया।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीबीआइ के संयुक्त निदेशक के पद पर रहने के दौरान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने वाले और ममता बनर्जी के पूर्व मंत्री उपेन विश्वास ने बुधवार को टीएमसी से नाता तोड़ लिया है। टीएमसी छोड़ने बाबत पत्र पार्टी की बंगाल ईकाई के अध्यक्ष सुब्रत बक्शी और टीएमसी के जिलाध्यक्ष ज्योतिप्रिय मल्लिक को भेज दिया है। उपेन विश्वास का नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर पार्टी से मतभेद हुआ था। उपेन विश्वास ने ईमेल कर अपना इस्तीफा भेज दिया है। हालांकि उन्होंने साफ कहा कि ममता बनर्जी के साथ उनके लंबे समय से संपर्क रहे हैं और वह बना रहेगा। उन्होंने पार्टी से किसी तरह का मतभेद होने से भी इन्कार किया।
साल 2011 में टीएमसी में हुए थे शामिल
वरिष्ठ आइपीएस उपेन विश्वास साल 2002 में सेवानिवृत्त हुए थे और साल 2011 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। ममता सरकार के पहले कार्यकाल में उपेन विश्वास पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बने थे, लेकिन 2016 में चुनाव हार गए थे। उसके बाद ममता बनर्जी ने उन्हें बंगाल के एससी, एसटी और ओबीसी आयोग का अध्यक्ष बना दिया जो कि एक कैबिनेट मंत्री के पद के बराबर दर्जा रखता है। वह पार्टी के सीबीआइ से जुड़े मामले को देखते थे।हालांकि फिलहाल पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय रूप से नहीं जुड़े थे।
सीएए को लेकर पार्टी से हुआ था मतभेद
कुछ दिन पहले उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सीएए का समर्थन किया था तथा नागरिकता संशोधन कानून लागू करने की फरियाद की थी। बता दें कि अब 29 अप्रैल को आठवें और अंतिम चरण का मतदान है