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Bengal Chunav: बंगाली अस्मिता और संस्कृति को लेकर TMC और BJP के बीच छिड़ी जंग

Bengal Assembly Elections 2021 एक तरफ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा को बाहरी पार्टी बता रही हैं तो दूसरी ओर भाजपा नेता अपने कार्यक्रमों के जरिये खुद को यहां की संस्कृति से जोड़कर संदेश पहुंचा रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 09:25 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 09:25 AM (IST)
Bengal Chunav: बंगाली अस्मिता और संस्कृति को लेकर TMC और BJP के बीच छिड़ी जंग
बंगाल की सियासी जद में संस्कृति जोर पकड़ रही है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Bengal Chunav बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा पूरी ताकत लगा रही है। बंगाली अस्मिता और संस्कृति को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच जंग छिड़ी हुई है। एक तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा को बाहरी पार्टी बताकर संस्कृति और अस्मिता से दूर करने की कोशिश में हैं, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और अन्य भाजपा नेता लगातार अपने कार्यक्रमों और गतिविधियों के जरिये खुद को यहां की संस्कृति, परंपरा और अस्मिता से जोड़कर लोगों तक संदेश पहुंचा रहे हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले एक माह में दो बार बंगाल आ चुके हैं। साथ ही अनेक अवसरों पर वर्चुअली भी यहां के लोगों को संबोधित कर रहे हैं। अमित शाह लगातार दो दिनों से बंगाल में थे। उन्होंने गुरुवार को अपने दौरे की शुरुआत भारत सेवाश्रम संघ जाकर की और उसके बाद गंगासागर पहुंचे। वहां कपिल मुनि मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद जनसभा और रोड शो में शरीक हुए। एक हिंदू शरणार्थी परिवार के घर भोजन भी किया। वह भी उस जिले में, जिसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का किला कहा जाता रहा है। उसी जिले में खड़े होकर शाह ने कई ऐसी घोषणाएं कीं, जो वहां के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे बंगाल के लोगों की वर्षो से मांग रही है।

गंगासागर के लोगों के मन में हर साल जनवरी के दूसरे सप्ताह में यह सवाल उठता था कि केंद्र सरकार का कोई मंत्री गंगासागर क्यों नहीं आता? गंगासागर मेले को आखिर राष्ट्रीय मेले का दर्जा कब मिलेगा? शाह ने गंगासागर जाकर दोनों सवालों के जवाब ही नहीं दिए, बल्कि नई उम्मीद जगा गए। दूसरे दिन शाह बंगाल की अस्मिता व संस्कृति से जुड़े महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस से लेकर अन्य बलिदानियों की याद में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचकर एक अलग संदेश दिया। इससे पहले 23 जनवरी को नेताजी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता पहुंचे थे। यही नहीं, बंगाल की संस्कृति से जुड़े कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर को लेकर भी यहां खूब सियासत हो रही है।

तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से लेकर पार्टी नेता इस फिराक में लगे रहते हैं कि इन महान विभूतियों के बारे में कहीं भी भाजपा नेता थोड़ी सी भी गलती करे, ताकि उसे मुद्दा बनाया जा सके जैसा कि कविगुरु की फोटो को लेकर हुआ था। कुछ दिन पहले लोकसभा में भी कविगुरु से जुड़ा एक मुद्दा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने उठा दिया था। इस समय बंगाल की सियासी जद में संस्कृति जोर पकड़ रही है।


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