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Bengal Chunav 2021: बंगाल में चुनावी माहौल के मुताबिक तृणमूल-भाजपा चतुराई से बदल रही अपनी-अपनी रणनीति

Bengal Chunav 2021 बंगाल में बाकी तीन चरणों के मतदान से पहले कोरोना से निपटने में केंद्र की विफलता को मुद्दा बना रही ममता तो इस पर अपने बचाव की कोशिश में भाजपा। दोनों पार्टियां चतुराई से बदल रहीं है रणनीति।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 08:15 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 08:15 AM (IST)
Bengal Chunav 2021: बंगाल में चुनावी माहौल के मुताबिक तृणमूल-भाजपा चतुराई से बदल रही अपनी-अपनी रणनीति
तृणमूल-भाजपा चतुराई से बदल रही अपनी-अपनी रणनीति

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के महारण में एक तरफ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) है तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP)। चुनावी माहौल के मुताबिक दोनों पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति चतुराई से बदल रही हैं। मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 'बांग्ला निजेर मेयेके ई चाए' (बंगाल अपनी बेटी को ही चाहता है) थीम के साथ चुनाव प्रचार शुरू किया लेकिन अब बाकी तीन चरणों के मतदान से पहले कोरोना महामारी से निपटने में केंद्र की भाजपा सरकार की विफलता को मुद्दा बना रही हैं। उन्होंने बंगाल में कोरोना के बढ़े प्रकोप के लिए भाजपा द्वारा लाए गए बाहरी लोगों को जिम्मेदार ठहराया है।

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  दूसरी तरफ भाजपा, जो अब तक भ्रष्टाचार व कटमनी को हथियार बनाकर तृणमूल के खिलाफ चुनाव प्रचार कर रही थी, अब कोरोना के मसले पर अपने बचाव की कोशिश कर रही है। ममता ने 'बांग्ला निजेर मेयेके ई चाए' थीम से बंगालियों से भावनात्मक तौर पर जुड़ने की कोशिश की लेकिन इससे उसके बंगाल में रह रहे गैर-बंगालियों से कट जाने का जोखिम भी है। कोलकाता की ही बात करें तो यहां हिंदी, मारवाड़ी, गुजराती, तमिल, मलयालम, उर्दू और यहां तक कि चीनी भाषियों की भी अच्छी-खासी आबादी है। बंगाल में करीब एक करोड़ हिंदीभाषी हैं। 

 बंगाल की आबादी नौ करोड़ से अधिक है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ममता को उनके महिला समर्थक रूख का विधानसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है। ममता महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। कई विधानसभा क्षेत्रों में महिला मतदाताओं ने बड़ी तादाद में मतदान किया है, जो ममता के पक्ष में जा सकता है। दूसरी तरफ भाजपा ने बंगाल में बड़े वोट बैंक माने जाने वाले मतुआ समुदाय को साधने की भरपूर कोशिश की है। इस पर माकपा के पूर्व सांसद व पोलितब्यूरो सदस्य नीलोत्पल बसु ने कटाक्ष करते हुए कहा कि बंगाल में समुदाय विशेष को लेकर इससे पहले कभी राजनीति नहीं हुई। 

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो पड़ोसी देश के दौरे के समय भी एक समुदाय विशेष के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करते नजर आए लेकिन फिलहाल भाजपा कोरोना से निपटने में अपनी दक्षता साबित करने की कोशिश कर रही है। इस बाबत भाजपा ने मेरा बूथ, कोरोना मुक्त अभियान शुरू किया है, इसके तहत छह करोड़ मास्क बांटे जाएंगे।


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