बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- एससी- एसटी के लिए 100 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले जा रहे हैं
राज्य सचिवालय नवान्न में बैठक के दौरान ममता ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोगों के विकास के लिए बजट में काफी वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एससी- एसटी के लिए जो किया है वह और किसी राज्य में नहीं हुआ है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवगठित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी- एसटी) परिषद के सदस्यों के साथ बुधवार को पहली बैठक की। इस दौरान ममता ने पिछड़े समुदाय के लोगों के लिए उनकी सरकार द्वारा पिछले 10 वर्षों में किए गए कार्यों का पूरा ब्यौरा पेश किया। राज्य सचिवालय नवान्न में बैठक के दौरान ममता ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोगों के विकास के लिए बजट में काफी वृद्धि की गई है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एससी- एसटी के लिए जो किया है वह और किसी राज्य में नहीं हुआ है। उन्होंने इस समुदाय के लोगों की शिक्षा और रोजगार के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी- एसटी और गरीब विद्यार्थियों के लिए 100 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले जा रहे हैं। संविधान निर्माता बाबा साहब डा भीमराव आंबेडकर के नाम पर शिक्षण संस्थान स्थापित किए गए हैं।
इसके अलावा 10,241 रिक्तियां भरी गई है। इस समुदाय के युवकों को छात्रवृति दी जा रही है और उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। लाखों छात्रों को इसका लाभ मिल रहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 10 साल में 12 लाख अनुसूजित जाति के लोगों को जमीन का पट्टा दिया गया है। उन्होंने इस दौरान भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने (केंद्र) एससी-एसटी समुदाय के लिए कुछ नहीं किया। ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता केवल चुनाव के समय आते हैं और झूठा वादा करते हैं।
दूसरी ओर अधिकारियों के अनुसार, 'लक्ष्मी भंडार' योजना सबसे लोकप्रिय योजना के रूप में उभरी है, जिसमें कुल आबादी का 60 फीसद हिस्सा खुद को नामांकित करने के लिए शिविरों में शामिल हुए हैं।उन्होंने कहा कि इसके बाद 'स्वास्थ्य साथी' योजना के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने शिविरों में जाकर पंजीकरण कराया है।