अलापन बंद्योपाध्याय से पहले भी सेवानिवृत्त नौकरशाहों पर मेहरबान रही हैं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
ममता को जानने वालों का कहना है कि वे इन नौकरशाहों पर काफी भरोसा करती हैंउनके लंबे अनुभव और कार्यक्षमता को काम में लगाना चाहती हैं। इससे पहले गौतम सांन्याल राजीव सिन्हा रीना मित्रा से लेकर सुरजीत कर पुरकायस्थ की सेवानिवृत्ति के बाद महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति कर चुकी हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सेवानिवृत्त नौकरशाहों पर शुरू से ही मेहरबान रही हैं। बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को लेकर केंद्र सरकार से टकराव होने पर ममता ने उन्हें तुरंत अच्छे-खासे वेतन के साथ अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया। इससे पहले भी मुख्यमंत्री कई सेवानिवृत्त नौकरशाहों पर ममता दिखा चुकी हैं। इनमें गौतम सांन्याल, राजीव सिन्हा, रीना मित्रा से लेकर सुरजीत कर पुरकायस्थ जैसे नाम शामिल हैं। इन सभी की सेवानिवृत्ति के बाद ममता ने महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति की है। सुरजीत कर पुरकायस्थ के लिए तो उन्होंने नए पद तक की सृष्टि कर डाली थी।
गौतम सांन्याल की बात करें तो वे वर्तमान में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद पर हैं। 2011 में सेंट्रल सेक्रेटेरिएट सर्विस से सेवानिवृत्त होने के बाद ममता ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी थीं, जो उनके सचिवालय का सबसे महत्वपूर्ण पद है। इसी तरह सुरजीत कर पुरकायस्थ 2018 में बंगाल पुलिस के महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। मुख्यमंत्री ने उनके लिए नए पद की सृष्टि करते हुए उन्हें राज्य का सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था। बंगाल विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें इस पद से हटा दिया था लेकिन ममता ने तीसरी बार मुख्यमंत्री बनते ही उन्हें नया पदभार सौंपते हुए सत्येंद्रनाथ ठाकुर सिविल सर्विस एकेडमी का प्रमुख नियुक्त कर दिया।
राजीव सिन्हा पिछले साल सितंबर में राज्य के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। ममता ने उन्हें वेस्ट बंगाल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का चेयरमैन नियुक्त किया है। इसी तरह रीना मित्रा केंद्र सरकार के आंतरिक सुरक्षा विभाग के विशेष सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। मुख्यमंत्री ने पहले उन्हें अपने सचिवालय का प्रधान सचिव (आंतरिक सुरक्षा) नियुक्त किया। इसके बाद उनकी राज्य के सुरक्षा सलाहकार के डिप्टी के तौर पर नियुक्ति की गई। ममता ने तीसरी बार बंगाल की कमान संभालने के बाद अब उन्हें राज्य की अपराध दमन शाखा में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी नियुक्त किया है।
ममता को करीब से जानने वालों का कहना है कि वे इन नौकरशाहों पर काफी भरोसा करती हैं और उनके लंबे अनुभव और कार्यक्षमता को काम में लगाना चाहती हैं। कुछ लोग तो हल्के-फुल्के अंदाज में यह भी कहते हैं कि ममता के भरोसेमंद अधिकारी कभी सेवानिवृत्त नहीं होंगे।