Bengal Cabinet Approve: आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के बाद अब बंगाल में भी होगी विधान परिषद
तीसरी बार सत्ता में आने के बाद ममता बनर्जी सरकार ने बंगाल में भी विधान परिषद गठित करने का निर्णय लिया है। सोमवार राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में विधान परिषद गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद इस बाबत अधिसूचना जारी की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः तीसरी बार सत्ता में आने के बाद ममता बनर्जी सरकार ने बंगाल में भी विधान परिषद गठित करने का निर्णय लिया है। सोमवार राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में विधान परिषद गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद इस बाबत अधिसूचना जारी की जाएगी। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक सीएम ममता बनर्जी ने सीबीआइ दफ्तर निजाम पैलेस से ही वर्चुअल माध्यम से की, जबकि बैठक में राज्य के मंत्री में अरुप विश्वास, चंद्रिमा भट्टाचार्य, पुलक रॉय, बेचाराम मन्ना, ज्योतिप्रिय मल्लिक, अरुप रॉय, सुजित बोस, पार्थ चटर्जी मौजूद सहित अन्य उपस्थित थे।
कुछ राज्यों में ही विधान परिषद है। इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं। कुछ सदस्य राज्यपाल के द्वारा मनोनीत किए जाते हैं। विधान परिषद विधानमंडल का अंग है। आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों में विधान परिषद है। यह पहला मौका नहीं है जब बंगाल में विधानस परिषद गठित करने को लेकर सरगर्मी बढ़ी है। परंतु, कई दिक्कते हैं। पहलेे जगह और दूसरा आर्थिक हालात। ये दोनों ऐसे कारण है जिसकी वजह से बंगाल में विधान परिषद गठित करने में दिक्कत आती रही है।
ऐसे होता है विधान परिषद का गठन
संविधान के अनुच्छेद 169, 171(1) एवं 171(2) में विधान परिषद के गठन का प्रावधान है। इसके अनुसार विधानसभा में उपस्थित सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से पारित प्रस्ताव को संघीय संसद के पास भेजा जाता है। तत्पश्चात अनुच्छेद 171(2) के अनुसार लोकसभा एवं राज्यसभा साधारण बहुमत से प्रस्ताव पारित करती है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हेतु इस प्रस्ताव को उनके पास प्रेषित किया जाता है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही विधान परिषद के गठन की अनुमति मिल जाती है।