बंगाल में थम नहीं रही है भाजपा की मुश्किलें, अब दो विधायकों ने केंद्रीय सुरक्षा लौटना की पेशकश की
बांकुड़ा से चार विधायक जिन्होंने पार्टी नेतृत्व से नाराजगी जताई है उनमें नीलाद्रिशेखर दाना अमरनाथ सखा दिबाकर घारमी और निर्मल कुमार धारा शामिल हैं। इनमें से निर्मल धारा और अमरनाथ सखा ने केंद्र से अपनी सुरक्षा वापस लेने को कहा है
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल में भगवा दल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बांकुड़ा के दो विधायकों ने पार्टी नेतृत्व से नाराजगी जताते हुए केंद्रीय सुरक्षा वापस करने के लिए पत्र लिखा है। इसी के साथ पुरुलिया और बांकुड़ा से अब तक कुल नौ विधायक भाजपा से नाराजगी जता चुके हैं। कहा जा रहा है कि ये सभी विधायकों तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
बांकुड़ा से चार विधायक जिन्होंने पार्टी नेतृत्व से नाराजगी जताई है, उनमें नीलाद्रिशेखर दाना, अमरनाथ सखा, दिबाकर घारमी और निर्मल कुमार धारा शामिल हैं। इनमें से निर्मल धारा और अमरनाथ सखा ने केंद्र से अपनी सुरक्षा वापस लेने को कहा है और पार्टी नेतृत्व से अंसतोष भी जाहिर किया है। नौ विधायकों ने गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को खत लिखकर हाल ही में पार्टी की बंगाल इकाई में हुए बदलाव पर अंसतोष जताया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इन नेताओं के टीएमसी में जाने की अटकलें लगाई हैं।
लगातार विधायकों के पार्टी छोड़ने के साथ ही बंगाल विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या 77 से घटकर 70 रह गई है। पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद से कई नेता पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ टीएमसी में शामिल हो चुके हैं। पिछले दिनों भाजपा की प्रदेश और जिला इकाई में सांगठनिक फेरबदल के बाद से विधायकों में असंतोष बढ़ा है। कई नेताओं ने पार्टी का आफिशल वाट्सऐप ग्रुप तक छोड़ दिया था। एक के बाद एक नेताओं के पार्टी के वाट्सएप ग्रुप छोड़ने से भगवा खेमे में चिंता बढ़ती रही थी। इसके बाद भाजपा ने राज्य में पार्टी के सभी विभागों और प्रकोष्ठों को भंग कर दिया था।
पिछले साल विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही बंगाल भाजपा में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कई नेता और विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। इनमें मुकुल राय से लेकर बाबुल सुप्रियो तक शामिल हैं। कोलकाता नगर निगम चुनाव के नतीजों ने पार्टी का मनोबल और गिरा दिया था। इसके बाद बंगाल में पार्टी की नई प्रदेश कमेटी का गठन और संगठनात्मक जिलों के नए अध्यक्षों की लिस्ट जारी की गई थी। इसके बाद से ही नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है।