West Bengal Politics : बंगाल में स्थिति कश्मीर से भी बदतर, ईरान-इराक के समान : दिलीप घोष
निशाना-तृणमूल सरकार पर स्थानीय निकाय चुनाव को देर से करवाने का भी आरोप लगाया- कहा तृणमूल को इस बार कोलकाता नगर निगम और स्थानीय निकाय दोनों चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा। दीदी ने साबित कर दिया-बंगाल की कानून एवं व्यवस्था चुनाव कराने के अनुकूल नहीं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल भाजपा के अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने बुधवार को ममता सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि बढ़ती राजनीतिक हिंसा के कारण राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति ‘‘कश्मीर से बदतर’’ हो गई है और ‘‘ ईरान तथा इराक के समान’’ है। उन्होंने तृणमूल सरकार पर स्थानीय निकाय चुनाव को देर से करवाने का आरोप भी लगाया।
बंगाल की कानून एवं व्यवस्था चुनाव कराने के अनुकूल नहीं
उन्होंने कोलकाता में पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ अगर नगर निगम चुनाव हैदराबाद और असम में हो सकते हैं तो यहां क्यों नहीं? स्थिति कश्मीर से भी खराब तथा ईरान तथा इराक के समान है। दीदी (ममता बनर्जी) ने साबित कर दिया है कि बंगाल की कानून एवं व्यवस्था चुनाव कराने के अनुकूल नहीं है।’’
कोलकाता ननि चुनाव के साथ निकाय चुनाव की भी चुनौती
उन्होंने ममता बनर्जी सरकार को कोलकाता नगर निगम चुनाव के साथ-साथ स्थानीय निकायों में चुनाव कराने की भी चुनौती दी। घोष ने कहा कि पिछले पंचायत चुनाव में भाजपा को प्रचार नहीं करने दिया गया था और उनके कार्यकर्ताओं की पिटाई कर उन्हें मतदान केंद्रों से भी निकाल दिया गया था।
तृणमूल को इसबार चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा
उन्होंने कहा कि तृणमूल को इस बार कोलकाता नगर निगम (केएमसी) और स्थानीय निकाय दोनों चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा। राज्य चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि बंगाल सरकार मार्च के शुरुआत में केएमसी चुनाव कराना चाहती है। इसके बाद ही घोष का यह बयान आया है।
केएमसी चुनाव पहले, अक्टूबर में अनुरोध कर चुकी भाजपा
भाजपा ने अक्टूबर में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर केएमसी चुनाव विधानसभा चुनाव से पहले कराने का अनुरोध किया था। नगर निगम चुनाव यहां अप्रैल 2020 में होने थे, लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण राज्य सरकार ने उसे स्थगित कर दिया था। राज्य में विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई 2021 में होने भी संभावना है।