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बंगाल सरकार की अनुमति, पेट्रापोल सीमा से भारत-बांग्लादेश के बीच व्यापारिक गतिविधियां शुरू

केंद्र की लगातार कोशिशों के बाद आखिरकार काफी आनाकानी के उपरांत बंगाल सरकार ने पेट्रोपोल सीमा को खोलने की अनुमति दे दी

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 10:14 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 11:22 PM (IST)
बंगाल सरकार की अनुमति, पेट्रापोल सीमा से भारत-बांग्लादेश के बीच व्यापारिक गतिविधियां शुरू
बंगाल सरकार की अनुमति, पेट्रापोल सीमा से भारत-बांग्लादेश के बीच व्यापारिक गतिविधियां शुरू

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : केंद्र की लगातार कोशिशों के बाद आखिरकार काफी आनाकानी के उपरांत बंगाल सरकार ने पेट्रोपोल सीमा को खोलने की अनुमति दे दी जिसके बाद सबसे बड़े लैंड पोर्ट के जरिए भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक गतिविधियां व ट्रकों की आवाजाही शुरू हो गई है। बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित पेट्रापोल चेक पोस्ट के जरिए ही भारत व बांग्लादेश के बीच करीब 35 फीसद व्यापार होता है।

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यह भारतीय कस्टम्स का एशिया का सबसे बड़ा चेक पोस्ट भी है और यहां से होकर रोजाना सैकड़ों ट्रकों की आवाजाही होती है। केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल को ही इस चेकपोस्ट को खोल दिया था और वहां लंबे समय से खड़े सामानों से लदे ट्रकों को जाने की इजाजत दे दी थी लेकिन बंगाल सरकार ने इस रोड सीमा को खोलने का कड़ा विरोध जताया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि यह फैसला उनकी सरकार से बातचीत किए बगैर ही लिया गया और उन्होंने बड़ी संख्या में इस रास्ते ट्रकों की आवाजाही शुरू होने से कोविड-19 वायरस का संक्रमण और फैलने की बात कही थी। वहीं स्थानीय लोगों ने भी इसको लेकर विरोध जताया था जिसके कारण दो-तीन दिन बाद ही इस चेकपोस्ट को बंद करना पड़ा था।

राज्य सरकार इसे खोलने की अनुमति नहीं दे रही थी। इसके कारण लंबे समय से दोनों ओर ट्रकों की लंबी लाइनें लगी हुई थी और इन पर लदे सामान भी खराब हो रहे थे। साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तो पर भी असर पड़ रहा था। इसको लेकर केंद्रीय गृह सचिव ने राज्य सरकार को कई बार पत्र भी लिखा था और जल्द से जल्द सीमा खोलने का अनुरोध किया था। बावजूद इसके बंगाल सरकार आनाकानी कर रही थी। हालांकि अब जाकर उत्तर 24 परगना के जिलाधिकारी ने पेट्रापोल लैंड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को चिट्ठी लिखी, इसमें भारत-  बांग्लादेश सीमा के बीच ट्रकों की आवाजाही शुरू करने का निर्देश दिया है। इसके बाद सोमवार से आवाजाही शुरू भी हो गई। हालांकि राज्य सरकार ने कुछ शर्तों के साथ आवाजाही की अनुमति दी है।

पत्र में 100 चालकों की एक टीम तैयार करने को कहा गया है, जिन्हें स्टैंडबाई पर रखा जाएगा।भारत-बांग्लादेश के बीच आने जाने वाले ट्रकों का अगर कोई भी चालक कोरोना पॉजिटिव निकलता है तो उसकी जगह स्टैंडबाई चालकों में से किसी एक को भेजा जाएगा। प्रोटेक्टिव सूट पहनकर सामान उतारना होगा और स्वास्थ्य प्रावधानों का ख्याल रखना होगा। चिट्ठी की प्रति केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी भेज दी गई है।

बता दें कि लॉकडाउन के कारण मार्च के अंतिम सप्ताह से बंद भारत-  बांग्लादेश के बीच का सबसे बड़ा लैंडपोर्ट पेट्रोपोल के जरिए रोजाना आवश्यक वस्तुओं के लगभग पांच- छह सौ ट्रकों की आवाजाही होती रही है। लंबे समय तक इसके जरिए आवाजाही बंद होने से दोनों देशों के बीच आयात व निर्यात भी काफी प्रभावित हुआ है। साथ ही करोड़ों का नुकसान हुआ है। जानकारी के मुताबिक इस चेक पोस्ट के जरिए दोनों देशों के बीच करीब 400 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा का सालाना व्यापार होता है।


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