बंगाल विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल के संवाददाता सम्मेलन की फुटेज मांगी
राज्यपाल ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर विधानसभा परिसर में बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बात करते हुए न केवल विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पर निशाना साधा बल्कि पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति को भी भयावह बताया था।
राज्य ब्यूरो कोलकाता । बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने एक दिन पहले विधानसभा परिसर में हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ के संवाददाता सम्मेलन की फुटेज मांगी है, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधा था और विधानसभा अध्यक्ष पर संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। बनर्जी ने कहा कि वह फुटेज मिलने के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला लेंगे।
बनर्जी ने गणतंत्र दिवस समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा कि फुटेज की जांच के बाद, उनका कार्यालय भविष्य में धनखड़ के विधानसभा आने के उद्देश्य के बारे में पूछताछ कर सकता है। नामचीन वकील बनर्जी ने आरोप लगाया कि धनखड़ ने जिस तरह 25 जनवरी को विधानसभा में मीडिया को संबोधित किया, वैसा अतीत में किसी भी राज्यपाल ने नहीं किया था। दरअसल राज्यपाल ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर विधानसभा परिसर में बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बात करते हुए न केवल विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पर निशाना साधा, बल्कि पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति को भी ''भयावह'' बताया था।बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल ने विधानसभा परिसर में स्थित प्रेस कक्ष तक जाने तक की जहमत नहीं उठाई।
धनखड़ ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था,‘‘हमने चुनाव के बाद अभूतपूर्व स्तर की हिंसा देखी है। अपनी इच्छा से वोट डालने का साहस करने वालों को अपनी जान देकर कीमत चुकानी पड़ी।’’राज्यपाल ने कहा था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष द्वारा नियुक्त एक तथ्यान्वेषी समिति ने कहा था कि राज्य में शासक का शासन चलता है, न कि कानून का।उन्होंने कहा था, ‘‘पश्चिम बंगाल के हालात इतने भयावह और डरावने हैं कि यहां शासक को लेकर डर है।’’धनखड़ ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी पर मांगी गई जानकारी मुहैया नहीं कराने का भी आरोप लगाया था। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी अनेक मौकों पर उनके सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष सोचते हैं कि उनके पास राज्यपाल के बारे में कुछ भी बोलने का अधिकार है।’’उन्होंने दावा किया कि पहले भी कई मौकों पर विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के परिचालन क्षेत्र के विस्तार पर विधानसभा में पारित प्रस्ताव के ब्योरे समेत मांगी गई अन्य जानकारी नहीं दी।
धनखड़ ने कहा कि विधानसभा में उनके अभिभाषण का प्रसारण दो बार रोका गया। उन्होंने कहा, ‘‘क्या वह अनुच्छेद 168 के बारे में नहीं (रिपीट) नहीं जानते हैं। राज्यपाल विधायिका में सबसे ऊपर है। मैं इस तरह के अविवेकपूर्ण, असंवैधानिक कार्यों को सहन नहीं करुंगा। विधानसभा अध्यक्ष अब से राज्यपाल के अभिभाषण के प्रसारण को नहीं रोकेंगे। अगर वह ऐसा करते हैं तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।’’