Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल में कई जगहों पर केंद्रीय बलों ने शुरू किया रूट मार्च
Bengal Assembly Elections 2021 एसडीपीओ ने कहा कि थाने के अधिकारियों के साथ केंद्रीय बल के जवानों ने इलाके में रूट मार्च शुरू किया है। मालूम हो कि पिछले चुनाव में सभी बूथ संवेदनशील थे। उसी सूची को ध्यान में रखते हुए रूट मार्च पर अतिरिक्त जोर दिया जा रहा।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अब तक 25 से ज्यादा केंद्रीय बलों की कंपनियां यहां पहुंच चुकी हैं। यहां पहुंचने के साथ केंद्रीय बलों ने रूट मार्च भी शुरू कर दिया है। इनमें से केंद्रीय बलों की पांच कंपनियां नदिया जिले में पहुंची हैं। उनमें कृष्णानगर पुलिस जिले के अंतर्गत तीन कंपनी और राणाघाट पुलिस जिला अंतर्गत दो कंपनी केंद्रीय बल हैं।
रविवार सुबह से केंद्रीय बल के जवानों ने राणाघाट, शांतिपुर, कूपर्स कैंप, ताहिरपुर के विभिन्न क्षेत्रों में रूट मार्च शुरू किया। राणाघाट के एसडीपीओ प्रबीर मंडल ने कहा कि थाने के अधिकारियों के साथ केंद्रीय बल के जवानों ने इलाके में रूट मार्च शुरू किया है। मालूम हो कि पिछले चुनाव में सभी बूथ संवेदनशील थे। उसी सूची को ध्यान में रखते हुए रूट मार्च पर अतिरिक्त जोर दिया जा रहा है।
वहीं, बारासात के विभिन्न इलाकों में भी सुबह से केंद्रीय बल के जवानों ने रूट मार्च किया। शनिवार रात ही बारासात पुलिस जिला के लिए निर्धारित तीन कंपनी एसएसबी के जवान पहुंचे थे। सभी नौै थानों के अधीन विभिन्न दलों में होकर विभिन्न इलाकों में रूट मार्च कर रहे हैं।
ब्रिगेड में वंदे मातरम का नारा नहीं लगा : शमिक भट्टाचार्य
प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने रविवार को आरोप लगाया कि कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में कांग्रेस-वाममोर्चा और आइएसएफ की सभा में एक बार भी वंदे मातरम का नारा नहीं लगा, जबकि सभा में इंकलाब जिंदाबाद से लेकर कई अन्य तरह के नारे लगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा के ‘जय श्रीराम’ के नारे को सांप्रदायिक कहनेवाले ब्रिगेड में लगनेवाले नारे को लेकर चुप क्यों थे? उन्होंने कहा कि इतनी पुरानी कांग्रेस पार्टी माकपा के सामने नतमस्तक हो गई है। माकपा, जो आज किसानों की बात कर रही है, उसने कभी भी तृणमूल सरकार के खिलाफ राज्य के किसानों की मांगों को लेकर आंदोलन नहीं किया।