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Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह की टीम पर छाया बंगाली सुरूर

Bengal Assembly Elections 2021 भाजपा रणनीति- 13 वरिष्ठ नेता बंगाल की संस्कृति भाषा खानपान से हो रहे हैं रूबरू। सियासी जानकारों ने भी कहा- बंगाल फतह के लिए बंगाली भावना पर देना होगा ध्यान। अमित शाह की टीम बंगाल पर इन दिनों बंगाली सुरूर छाया हुआ है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 08:57 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 09:07 AM (IST)
Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह की टीम पर छाया बंगाली सुरूर
भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह की टीम बंगाल पर इन दिनों बंगाली सुरूर छाया हुआ है।

कोलकाता, इंद्रजीत सिंह। भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह की टीम बंगाल पर इन दिनों बंगाली सुरूर छाया हुआ है। इसकी वजह और कुछ नहीं सिर्फ बंगाल फतह है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के जिन 13 वरिष्ठ नेताओं को बंगाल विधानसभा चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी गई है वे सभी बंगाल की संस्कृति, भाषा, खानपान आदि से पूरी तरह रूबरू हो रहे हैं।

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दरअसल बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरह तृणमूल कांग्रेस लगातार बंगाली व गैर बंगाली मुद्दे को लेकर भाजपा पर हमलावर बनी हुई है वहीं भगवा भी बंगाल की संस्कृति के जरिए उस पर पलटवार करने के लिए कमर कस ली है। सियासी जानकारों का कहना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा को मिली शानदार सफलता के बावजूद 2021 के विधानसभा चुनाव में बंगाली भावना भी एक बड़ा कारक हो सकती है। बंगाली भाषा, संस्कृति, त्योहार सूबे की सियासत में गहराई से शामिल है। भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले शाह भी इसे अच्छी तरह समझ रहे हैं।

ये नेता बंगाल की संस्कृति, भाषा से हो रहे हैं रूबरू

बंगाल में जमीनी स्तर पर पैठ बनाने के लिए भाजपा ने पांच संगठन महासचिवों तथा आठ मंत्रियों को मैदान में उतारा है। आरएसएस से भाजपा में आए इन महासचिवों को माइक्रो मैनेजमेंट में माहिर माना जाता है। इनमें सुनील बंसल, भीखूभाई दलसानिया, रवींद्र राजू , पवन राणा व रत्नाकर शामिल हैं। इसके अलावा आठ मंत्रियों संजीव बालियान, गजेंद्र सिंह शेखावत, नित्यानंद राय, अर्जुन मुंडा, नरोत्तम मिश्रा, मनसुख मांडविया, केशव प्रसाद मौर्य और प्रह्लाद सिंह पटेल को भी बंगाल के सभी हिस्सों में प्रचार के लिए भेजा गया है। सूत्रों का कहना है कि शाह के निर्देश पर ये सभी नेता बांग्ला सीखने के साथ बंगाली संस्कृति, खानपान की आदतें भी डाल रहे हैं जो आने वाले दिनों में इन्हें आम लोगों के बीच इसकी सख्त जरूरत पड़ेगी।

बंगाल फतह के लिए भाजपा को बंगाली भावना पर देना होगा ध्यान

जादवपुर विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय मामलों के सहायक प्रोफेसर इमोन कल्याण लाहिरी का कहना है कि बंगाल फतह के लिए भाजपा को बंगाली भावना पर ध्यान देना ही होगा। तभी बंगाल के बंगालियों के बीच उनकी स्वीकार्यता बढ़ सकती है। हालांकि इसके साथ त्रिपुरा की कामयाबी से पार्टी को सूबे में बंगाली विरासत हासिल करने में मदद मिलेगी। यही वजह है कि पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने भी विश्वभारती विश्वविद्यालय के समारोह में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की कुछ कविताएं बांग्ला में पढ़ी थीं। दशहरा के दौरान भी भाजपा की ओर से आयोजित विजया सम्मिलनी के मौके पर भोजन की फेहरिस्त में बंगाली व्यंजनों की भरमार थी। इसके अलावा बंगाली थीम पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। 


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