Bengal Assembly Elections 2021: सुवेंदु के बाद अब उनका परिवार भी होगा भगवामय
Bengal Assembly Elections 2021 सुवेंदु के सांसद पिता शिशिर अधिकारी सांसद भाई दिव्येंदु अधिकारी तथा तृणमूल नेता छोटे भाई सौमेंदु अधिकारी जल्द ही भाजपा में हो सकते हैं शामिल। सुवेंदु के पिता और दोनों भाई जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे। पिता तथा भाई फिलहाल तृणमूल कांग्रेस से सांसद हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी का परिवार भी अब जल्द ही भगवामय में होगा। सूत्रों के मुताबिक सुवेंदु के पिता और दोनों भाई जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे। बता दें कि पिता तथा एक भाई फिलहाल तृणमूल कांग्रेस से सांसद हैं।
दरअसल बंगाल विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे राज्य में सियासी हलचल तेज होती जा रही है। पहले तृणमूल के कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा का दामन पकड़ा, वहीं अब उनका पूरा परिवार भाजपा में शामिल होने जा रहा है।हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन सुवेंदु अधिकारी द्वारा ऐसे ही संकेत दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि उनके घर में भी जल्द ही कमल खिलेगा। सूत्रों के मुताबिक सुवेंदु के सांसद पिता शिशिर अधिकारी, सांसद भाई दिव्येंदु अधिकारी तथा तृणमूल नेता छोटे भाई सौमेंदु अधिकारी जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। बताते चलें कि पिछलेे दिनों पूर्व मेदिनीपुर जिले के कांथी में तृणमूल कांग्रेस की ओर से आयोजित सभा में सुवेंदु के परिवार का कोई भी सदस्य उपस्थित नहींं था।
सुवेंदु के छोटे भाई सौमेंदु के खिलाफ ममता सरकार ने की कार्रवाई
वहीं दूसरी ओर ममता सरकार ने कल सुवेंदु के छोटे भाई सौमेंदु के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पूर्व मेदिनीपुर जिले की कांथी नगरपालिका के प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। सौमेंदु अधिकारी पूर्व मेदिनीपुर जिले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के हालिया राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए थे।
तृणमूल के कुछ स्थानीय नेताओं का आरोप है कि पिछले दो महीने से सौमेंदु भाजपा में शामिल होने वाले अपने बड़े भाई सुवेंदु के जनसंपर्क कार्यक्रमों में मदद कर रहे थे। वहीं, उनके एक अन्य भाई एवं तृणमूल सांसद दिव्येंदु अधिकारी ने राज्य सरकार के इस फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित’ बताया है। गौरतलब है कि बंगाल में 40 से अधिक विधानसभा सीटों पर अधिकारी परिवार का प्रभाव है।