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Bengal Assembly Election : विस चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने कसी कमर, ईवीएम व वीवीपैट के लिए निविदा जारी

Bengal Assembly Election ईवीएम व वीवीपैट मशीन की जांच पड़ताल व बैटरी के लिए निर्वाचन आयोग ने जारी की निविदा। नवंबर के अंतिम या दिसंबर के पहले सप्ताह में सभी दलों को बुलाकर ईवीएम की जांच प्रक्रिया आयोग शुरू कर सकता है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 06:22 PM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 06:22 PM (IST)
Bengal Assembly Election : विस चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने कसी कमर, ईवीएम व वीवीपैट के लिए निविदा जारी
मतदाताओं की सुविधा के लिए पोलिंग बूथों की संख्या बढ़ाकर करीब 80,000 तक किए जाने की संभावना है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में विधानसभा चुनाव में अभी करीब 7-8 महीने बाकी है लेकिन निर्वाचन आयोग ने अभी से यहां भी चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। ईवीएम व वीवीपैट मशीन की जांच पड़ताल के साथ बैटरी के लिए आयोग ने निविदा भी जारी कर दिया है। माना जा रहा है कि पहले दौर में आयोग नवंबर के अंतिम या दिसंबर के पहले सप्ताह में सभी दलों को बुलाकर ईवीएम की जांच आदि की जो प्रक्रिया होती है वह शुरू कर सकता है। राज्य में इस बार मतदाताओं की सुविधा के लिए पोलिंग बूथों की संख्या बढ़ाकर करीब 80,000 तक किए जाने की संभावना है। 

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अभी एक लाख ईवीएम व 1.10 लाख वीवीपैट मशीन

आयोग सूत्रों के अनुसार बंगाल में अभी करीब एक लाख ईवीएम मशीन जबकि 1.10 लाख वीवीपैट मशीन उपलब्ध हैं। आयोग ने अभी से इन मशीनों की जांच पड़ताल व इसके ठीक करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है ताकि इस पर कोई सवाल नहीं उठे। 

चुनाव आयोग का पूरा ध्यान अभी बिहार की तरफ है

गौरतलब है कि बंगाल में अप्रैल-मई में चुनाव होने की उम्मीद है। इसके लिए सभी दलों ने अभी से चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी है। इधर, चुनाव आयोग का पूरा ध्यान अभी बिहार की तरफ है जहां चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 

शांतिपूर्ण चुनाव कराना आयोग के सामने बड़ी चुनौती 

इसके बाद बंगाल सहित कुछ राज्य में चुनाव होने हैं। इसके बाद माना जा रहा है कि आयोग का पूरा ध्यान इन्हीं राज्यों पर होगा। खासकर बंगाल में शांतिपूर्ण चुनाव कराना आयोग के सामने एक बड़ी चुनौती होगी। 

चुनावी हिंसा के लिए बंगाल हमेशा से बदनाम रहा है

दरअसल, चुनावी हिंसा के लिए बंगाल हमेशा से बदनाम रहा है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी इसको लेकर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। ऐसे में इस बार आयोग भी शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पहले से कमर कसकर तैयार है।


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