West Bengal: भाजपा कार्यकर्ताओं को पीटा, घरों में तोड़फोड़ के बाद आगजनी
Beating Of BJP Workers. जलपाईगुड़ी जिले के मयनागुड़ी इलाके में रविवार रात सात भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी गई।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Beating Of BJP Workers. बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के मयनागुड़ी इलाके में रविवार रात सात भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी गई। कई भाजपा कार्यकर्ताओं को मारा-पीटा भी गया। घटना के बाद से कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगा है। घटना की जानकारी मिलने पर सोमवार को जब भाजपा सांसद डॉ. जयंत कुमार राय पीडि़तों से मिलने घटनास्थल पर जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद सांसद राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही धरने पर बैठ गए।
उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही। आज जब वह अपने कार्यकर्ताओं से मिलने चुड़ाभंडार जा रहे थे तो उन्हें रोक दिया गया। वहीं जलपाईगुड़ी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण थेंडूप शेरपा ने कहा कि हालात अभी नियंत्रण में है। इलाके में काफी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया है।
वहीं, बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर गुरुवार को राज्य चुनाव आयुक्त सौरभ कुमार दास के साथ महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। बंगाल के चुनावी इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले राज्यपाल इसे लेकर राज्य चुनाव आयुक्त के साथ बैठक करने जा रहे हैं। राज्यपाल ने खुद ट्वीट करके बैठक की जानकारी दी है। गौरतलब है कि अप्रैल के दूसरे अथवा तीसरे सप्ताह निकाय चुनाव की संभावना है। राजभवन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्यपाल बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। विरोधी दलों की ओर से भी कई बार राजभवन जाकर कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जाहिर की जा चुकी है।
राज्यपाल बैठक में मुख्यत: कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर ही बातचीत करेंगे। वे राज्य चुनाव आयुक्त से कानून-व्यवस्था की स्थिति पर उनके विचार भी जानेंगे। बंगाल में पिछले साल हुए पंचायत चुनाव में जमकर हिंसा हुई थी। कई लोगों की जानें भी गई थीं। धनखड़ उन घटनाओं की कई बार निंदा कर चुके हैं। निकाय चुनाव में वे इसकी पुनरावृत्ति नहीं चाहते इसलिए चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही सक्रिय हो उठे हैं। गौरतलब है कि राजभवन और राज्य सरकार के रिश्ते हाल के दिनों में थोड़े सुधरे हैं। दो सप्ताह पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की थी। उसके बाद राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी भी राजभवन पहुंचे थे, लेकिन राज्यपाल के इस नए कदम के बाद राज्य सरकार का इसपर क्या रूख होता है, ये देखने वाला होगा। राज्य का कोई भी मंत्री व सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस का नेता फिलहाल इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहा है।