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बर्धमान विवि में प्रो-वीसी की नियुक्ति पर राज्यपाल ने ममता से की बात, कहा- इस समय नहीं चाहते विवाद

बर्धमान विश्वविद्यालय में प्रो वाइस चांसलर की नियुक्ति के बाद राज्य सरकार के साथ जारी तनातनी के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बातचीत की।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 07:57 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 07:57 PM (IST)
बर्धमान विवि में प्रो-वीसी की नियुक्ति पर राज्यपाल ने ममता से की बात, कहा- इस समय नहीं चाहते विवाद
बर्धमान विवि में प्रो-वीसी की नियुक्ति पर राज्यपाल ने ममता से की बात, कहा- इस समय नहीं चाहते विवाद

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बर्धमान विश्वविद्यालय में प्रो वाइस चांसलर की नियुक्ति के बाद राज्य सरकार के साथ जारी तनातनी के बीच बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस मुद्दे पर बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस समय विवाद खड़ा करना उचित नहीं है और मुख्यमंत्री से इस मुद्दे के हल की अपील की। राज्यपाल ने राजभवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में खुद इसकी जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने सुबह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से टेलीफोन पर बर्धमान विश्वविद्यालय के प्रो-वीसी की नियुक्ति के विवाद पर बात की और इस मुद्दे पर ढक्कन लगाना चाहते हैं क्योंकि राज्य संकट से गुजर रहा है।

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राज्यपाल ने कहा, 'राज्य संकट के दौर से गुजर रहा है और मैं चाहता हूं कि यह (प्रो-वीसी नियुक्ति का मसला) हल हो जाए। मैं इस विवाद पर अभी से ढक्कन लगाना चाहता हूं।' उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत में सियासत लाकर उसे विवाद में घसीटना उचित नहीं है। एक सवाल के जवाब में राज्यपाल ने यह भी कहा कि अगर ममता सरकार में उनका कोई मित्र है तो वह शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी हैं। जिनसे उनकी अक्सर बातचीत होती रहती है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को राज्यपाल ने कुलाधिपति के तौर पर अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए बर्दमान विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर के पद पर गाैतम चंद्र की नियुक्ति कर दी। इसको लेकर राज्य सरकार ने कड़ा विरोध जताया। शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने राज्यपाल धनखड़ पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए इस नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने इसे मानने से इनकार करते हुए बर्धमान विश्वविद्यालय में राज्य सरकार की ओर से एक अन्य प्रो वीसी की नियुक्ति भी मंगलवार को कर दी।

शिक्षा मंत्री ने राज्यपाल को भाजपा तक का आदमी कहा। इसके बाद मंगलवार को राज्यपाल ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए शिक्षा मंत्री के बयान को असंवैधानिक व दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। साथ ही उनसे इस बयान को वापस लेने को कहा था। हालांकि 1 दिन बाद बुधवार को राज्यपाल के सुर नरम नजर आए। 

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की भी तारीफ की

राजभवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कोविड-19, एम्फन चक्रवात समेत प्रवासी श्रमिकों से जुड़े मुद्दे पर भी खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि एम्फन की तबाही के बाद पिछले 15 दिनों के दौरान उनकी मुख्यमंत्री से तीन बार बात हुई है। राज्यपाल ने ममता की तारीफ कर कहा कि वे कड़ी मेहनत से काम कर रही हैं।

वहीं, कोलकाता को उन्होंने हिन्दुस्तान की पहली राजधानी करार देते हुए कहा कि सभ्यता-संस्कृति, कला, शिक्षा समेत कई मायनों में कोलकाता व बंगाल न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में सदियों से विख्यात है। अभी प्रदेश गहरे संकट से गुजर रहा चाहे वह कोरोना महामारी का कहर हो या हाल में आए सुपर साइक्लोन एम्फन की प्रदेश में बर्बादी का मंजर। उन्होंने कहा कि अभी संकट की घड़ी में सभी को एकजुट हो साथ काम करने की बेहद आवश्यकता है। साथ ही यह समय है केंद्र-राज्य के सामंजस्य का। धनखड़ ने कहा कि उन्होंने आज तक इतने भीषण तबाही वाले तूफान का नजारा नहीं देखा। प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते बंगाल वासियों की पीड़ा दूर करने का उनपर दायित्व भी है। एक बेहतर लोकतंत्र के लिए निर्भिक मीडिया का होना अति आवश्यक है। एम्फन के बाद पेड़-पौधे लगाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह जरूरी है।


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