तमिलनाडु के मंदिर में तोड़फोड़ व लूट की साजिश में शामिल बांग्लादेशी को बीएसएफ ने बंगाल सीमा पर दबोचा
गिरफ्तारी के डर से भारत छोड़कर भागने की कर रहा था कोशिशउसके तीन साथियों की हाल में हो चुकी है गिरफ्तारी।उस पर तमिलनाडु के पेरमदुरई स्थित मंदिर में तोड़फोड़ व लूट की साजिश में शामिल होने का आरोप है और गिरफ्तारी के डर से वह वापस बांग्लादेश भाग रहा था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 153वीं बटालियन के सतर्क जवानों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से भारत छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे एक वांछित बांग्लादेशी युवक को गिरफ्तार किया है। उस पर तमिलनाडु के पेरमदुरई स्थित मंदिर में तोड़फोड़ व लूट की साजिश में शामिल होने का आरोप है और गिरफ्तारी के डर से वह वापस बांग्लादेश भाग रहा था।
तमिलनाडु पुलिस को उसकी तलाश थी और इसके लिए बंगाल पुलिस व अन्य एजेंसियों को वहां की पुलिस द्वारा अलर्ट किया गया था। इसके बाद बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय, कोलकाता ने भी अपनी जिम्मेदारी के क्षेत्र में सीमा पर जवानों को सतर्क कर दिया था।
इसी दरम्यान राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल यह अति वांछित अपराधी गुरुवार शाम में बीएसएफ के हत्थे चढ़ गया जब वह सीमा चौकी घोजाडांगा के क्षेत्र से बॉर्डर पार कर भागने की फिराक में था। आरोपित का नाम जहांगीर विश्वास (27) है। वह बांग्लादेश के सतखीरा जिले का रहने वाला है। 153वीं बटालियन बीएसएफ के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने बताया कि पूछताछ में आरोपित ने बताया है कि इस मामले में उसके तीन साथियों को चार-पांच दिन पहले तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
ये सभी बांग्लादेशी तमिलनाडु में कंस्ट्रक्शन साइट पर पिछले कई वर्षों से काम करते थे। तमिलनाडु पुलिस के आरोप के अनुसार इस बीच कुछ दिनों पहले जहांगीर व उसके साथियों ने पेरमदुरई के एक मंदिर में तोड़फोड़ व उसमें मौजूद बहुत सारे सोना- चांदी को लूटने की साजिश रची थी। इस बारे में पता चलने पर पुलिस ने उसके तीन साथियों को पकड़ा जबकि जहांगीर गिरफ्तारी के डर से भाग गया था। इसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर उसकी गिरफ्तारी के लिए सभी एजेंसियों से मदद मांगी थी।
बीएसएफ के लिए है बहुत बड़ी सफलता
इधर, उसकी गिरफ्तारी बीएसएफ के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। हालांकि जहांगीर ने प्रारंभिक पूछताछ में मंदिर में तोड़फोड़ व लूट की साजिश में शामिल होने से इन्कार किया है। उसने दावा किया है कि तमिलनाडु के स्थानीय मजदूर बांग्लादेशियों को वहां से भगाना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने साजिश के तहत उन लोगों पर मंदिर को लूटने का आरोप लगा कर फंसा दिया है। इस पर बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि हो सकता है खुद को बचने के लिए जहांगीर इस प्रकार का बहाना बना रहा है। अधिकारी के अनुसार, जहांगीर के हाव- भाव काफी संदिग्ध लग रहे हैं। आगे की जांच में उससे कई महत्त्वपूर्ण जानकारी हाथ लगने की उम्मीद है।
बीएसएफ कमांडेंट ने जवानों की थपथपाई पीठ
उसकी गिरफ्तारी पर बीएसएफ कमांडेंट नेगी ने अपने जवानों की पीठ भी थपथपाई है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ जवानों की सतर्कता की वजह से संभव हुआ है। नेगी ने साफ तौर पर कहा कि वह अपने इलाके से आगे भी घुसपैठियों, तस्करों व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल अपराधियों के मंसूबों को सफल नहीं होने देंगे।