बीएसएफ के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से बांग्लादेशी पशु तस्कर घायल, एक मवेशी जब्त
अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सीमा सुरक्षा बल के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से एक बांग्लादेशी पशु तस्कर घायल हो गया।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से एक बांग्लादेशी पशु तस्कर घायल हो गया। उसके कब्जे से बीएसएफ ने एक मवेशी को भी तस्करी से बचाया। हिरासत में लिये गए तस्कर को उचित चिकत्सा के बाद बीएसएफ ने आगे की जांच व कानूनी कार्रवाई के लिए गायघाट थाने के हवाले कर दिया है।
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से एक बयान में बताया गया कि यह घटना सोमवार देर रात तेन्तुलबेरिया सीमा चौकी क्षेत्र में उस वक्त घटी जब 8 से 10 की संख्या में बांग्लादेशी तस्करों का एक समूह अवैध रूप से भारतीय सीमा में घुसकर मवेशियों को बांग्लादेश में ले जाने की कोशिश कर रहा था।
इछामती नदी के इलाके में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास रूटीन तलाशी अभियान के दौरान ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने जब उन्हें रोका तो तस्करों ने चारों तरफ से घेर कर जवानों पर लाठी और लोहे के दाह से हमले की कोशिश की। इसके बाद खतरे को भांपते हुए जवान ने आत्मरक्षा में गैर घातक पंप एक्शन गन से एक राउंड फायर किया। इसके परिणामस्वरूप गोली के कुछ छर्रे एक तस्कर के पैर में घुटने के नीचे लगने से वह घायल हो गया जबकि बाकी तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर बांग्लादेश सीमा में भाग गया।
बीएसएफ ने घायल तस्कर को अपनी हिरासत में लेकर उसे तुरंत इलाज के लिए पास के अस्पताल में पहुंचाया। उसका नाम सुमन रहमान दास है। वह बांग्लादेश के सतखीरा जिले का रहने वाला है। प्रारंभिक पूछताछ में पकड़े गए तस्कर सुमन ने बताया कि वह लंबे समय से पशु तस्करी में शामिल है। अक्सर वह अपने साथियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा इलाके में भारत से बांग्लादेश की तरफ मवेशियों को लेकर जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि सोमवार शाम को वह अपने दो अन्य बांग्लादेशी साथियों जाहिद और लिटन के साथ रुद्रपुर- गर्जला सीमा के नजदीक इच्छामती नदी को तैर कर पार करके भारत में आया था तथा गांव गर्जला के बागान के घर में रात होने तक रुका था। इसके बाद यहां उसने रबीउल बिस्वास से 2 मवेशी लिये थे। वे इन मवेशियों को इच्छामती नदी को पार करके बांग्लादेश ले जाने वाले थे तथा रुद्रपुर के खोखा को देने वाले थे। जिसके लिए उसे 3,000 रुपये मिलते।उसने बताया कि वह पहले भी अवैध रूप से भारत मे कई बार आया है तथा रबीउल बिस्वास और बागान से मवेशी लिए हैं।
इधर, ठीक बीएसएफ के 158वीं वाहिनी के कमांडिंग ऑफिसर, आरएस भंडारी ने अपने जवानों की उपलब्धियों पर खुशी व्यक्त की, जिसके परिणामस्वरूप मवेशी के साथ बांग्लादेशी तस्कर को पकड़ने में सफलता मिली। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर मौजूद उनके जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है।