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रो¨हग्या के वतन वापसी पर नाउम्मीद नहीं बांग्लादेश

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: बाग्लादेश के सूचना मंत्री हसनुल हक इनू ने उम्मीद जताई है कि म्यामार के र

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jan 2018 02:59 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jan 2018 02:59 AM (IST)
रो¨हग्या के वतन वापसी पर नाउम्मीद नहीं बांग्लादेश
रो¨हग्या के वतन वापसी पर नाउम्मीद नहीं बांग्लादेश

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: बाग्लादेश के सूचना मंत्री हसनुल हक इनू ने उम्मीद जताई है कि म्यामार के रो¨हग्या शरणार्थियों के जल्द ही अपने देश लौटने का का सिलसिला शुरू होगा। म्यामार ने पिछले साल नवंबर में ही एक हजार से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने की सहमति जताई थी। म्यांमार में हुई सैन्य कार्रवाई के बाद हजारों की संख्या में रो¨हग्या शरणार्थी भाग कर बाग्लादेश चले गए थे।

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इनू ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि म्यामार और बाग्लादेश सरकारों के बीच इस संबंध में एक समझौता है। समझौते के तहत उम्मीद है कि शरणार्थियों का प्रत्यावर्तन बहुत जल्द शुरू होगा। हालाकि इसके लिए कोई समय सीमा नहीं है। हाल ही में जो शरणार्थी बाग्लादेश में आ चुके हैं उनकी जाच की गई है और म्यामार उन्हें वापस लेने के लिए सहमत हो गए हैं।

उन्होंने रोहिंग्या संकट से निपटने का उचित तरीका निकालने के लिए बाग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना के नेतृत्व की प्रशसा की। शरणार्थी संकट देश की अर्थव्यस्था पर बोझ है लेकिन बाग्लादेश सरकार ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। 6,00,000 से अधिक रो¨हग्या मुस्लिम म्यामार के हिंसात्मक क्षेत्र से भाग गए। वे भागकर पड़ोसी देश बाग्लादेश में भी आए।

असम में नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को अपडेट करने के बारे में पूछे जाने पर इनू ने कहा कि बाग्लादेश के सीमावर्ती जिलों में हिंसा की कोई घटना नहीं हुई है। 40 सालों में हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है जो बाग्लादेश से असम या त्रिपुरा के सीमावर्ती जिलों को प्रभावित करती हो। उन इलाकों में कोई पारिवारिक संबंध नहीं है।

1951 का एनआरसी असम में अपडेट किया जा रहा है ताकि अवैध प्रवास को रोकने के लिए राज्य के मूल निवासियों की पहचान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में उनका मूल्याकन किया जा सके। आतंकवाद के मुद्दे पर इनू ने कहा कि बाग्लादेश ने आतंकवाद की दिशा में शून्य-सहनशीलता नीति अपनाई है और ढाका किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों के लिए अपनी मिट्टी का इस्तेमाल नहीं करेगा।


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