नोटबंदी में रोजगार गंवाने वालों के लिए सहारा बनी 'समर्थन' योजना
नोटबंदी के बाद रोजगार गंवाने वाले असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए राज्य सरकार संचालित समर्थन योजना बड़ा सहारा साबित हुई है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। नोटबंदी के बाद रोजगार गंवाने वाले असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए राज्य सरकार संचालित समर्थन योजना बड़ा सहारा साबित हुई है। तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक वेबसाइट पर जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि नोटबंदी के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप असंगठित क्षेत्र के जिन लोगों ने अपनी नौकरिया खो दी थीं और बंगाल वापस लौट आए थे उनके लिए राज्य सरकार ने समर्थन योजना शुरू की थी। श्रम विभाग इस योजना के कार्यान्वयन, निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए नोडल विभाग है। तब राज्य बजट की प्रस्तुति के दौरान इस योजना की घोषणा की गई थी।
इस योजना के तहत, 50,000 श्रमिकों को 50,000 रुपये का एक बार का अनुदान दिया गया ताकि वे अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें और आजीविका कमा सकें। इस योजना के लिए राजपत्र अधिसूचना 23 फरवरी को प्रकाशित हुई थी। इसके लिए कुछ पैमाने भी निर्धारित किए गए थे जिनमें किसी भी श्रमिक का बंगाल का स्थायी निवासी होना अनिवार्य था जो अन्य राज्यों में काम कर रहा हो और वहां रोजगार खोने के बाद 8 नवंबर, 2016 के बाद बंगाल लौटने के लिए मजबूर हुआ हो।
लाभुकों के लिए यह अनिवार्य था कि काम करने वाला व्यक्ति परिवार में एक मात्र आय करने वाला सदस्य हो। इसके लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन के परामर्श से ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) को यह प्रमाणित करना होता है कि आवेदक वास्तव में बंगाल के बाहर काम कर रहा था और नौकरी गंवाने के कारण 8 नवंबर, 2016 के बाद राज्य में लौट आया है।