एम्फन राहत में अनियमितता को लेकर राज्यपाल धनखड़ ने फिर ममता सरकार पर साधा निशाना
बंगाल में पिछले दिनों आए एम्फन तूफान के बाद राहत वितरण में अनियमितता को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को एक बार फिर ममता सरकार पर निशाना साधा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में पिछले दिनों आए एम्फन तूफान के बाद राहत वितरण में अनियमितता को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को एक बार फिर ममता सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एम्फन राहत वितरण में अनियमितता चिंता पैदा करने वाली है। राज्यपाल ने ट्वीट किया, 'एम्फन राहत वितरण में अनियमितता को देखकर चिंता हो रही है। दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर के मथुरापुर में 103 परिवारों ने 20 लाख रुपये वापस किए हैं। यह केवल हिम शैल का एक सिरा है। संलिप्त अधिकारियों और जो लाभार्थी राहत पाने के हकदार नहीं हैं उन्हें कानून के प्रकोप का सामना करना पड़ता है।'
उल्लेखनीय है कि राहत वितरण में अनियमितता को लेकर राज्यपाल सहित भाजपा व अन्य विपक्षी दल लगातार सवाल उठा रहे हैं। दरअसल, कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पंचायत प्रधान व अन्य नेताओं ने लाभार्थियों की सूची में अपने परिवार के सदस्यों का ही नाम शामिल कर लिया। हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि शिकायत के बाद गलत करने वाले पार्टी के कई नेताओं को निलंबित किया गया है।
सुंदरवन के लिए मास्टर प्लान को अंतर-अनुशासनात्मक टीम गठित करे नीति आयोग :ममता
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीति आयोग को पत्र लिखकर सुंदरवन के लिए मास्टर प्लान तैयार को अंतर-अनुशासनात्मक टीम गठित करने का अनुरोध किया है।गौरतलब है कि हाल में आए सुपर साइक्लोन 'एम्फन' से सुंदरवन को काफी नुकसान पहुंचा है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार को लिखे पत्र में ममता ने कहा है कि सुंदरवन 50 लाख लोगों का घर है और मैंग्रोव फॉरेस्ट का विश्व में सबसे बड़ा एकल ब्लॉक है। एम्फन से सुंदरवन के विभिन्न गांवों को काफी नुकसान पहुंचा है।
नीति आयोग सुंदरवन के सामाजिक- आर्थिक विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करने को विशेषज्ञों की अंतर-अनुशासनात्मक टीम गठित करें। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सुंदरवन के लोग विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनसे उबरने के लिए वैज्ञानिक रूप से तैयार विकास पैकेज और संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास की जरूरत है। गौरतलब है कि सुंदरवन को यूनेस्को ने विश्व के विरासती स्थल के रूप में मान्यता प्रदान की है।