West Bengal: सारधा चिटफंड घोटाले में शताब्दी राय, कुणाल घोष व देबजानी मुखर्जी की संपत्ति कुर्क
West Bengal सारधा चिटफंड घोटाले में ईडी ने तृणमूल कांग्रेस सांसद शताब्दी राय पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष व सारधा ग्रुप की पूर्व निदेशक देबजानी मुखर्जी की कुल तीन करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। इसमें चल व अचल संपत्ति दोनों शामिल हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अरबों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद शताब्दी राय, पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष व सारधा ग्रुप की पूर्व निदेशक देबजानी मुखर्जी की कुल तीन करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। इसमें चल व अचल संपत्ति दोनों शामिल हैं। ईडी ने पिछले महीने की दो तारीख को कुणाल घोष से पूछताछ की थी। कुणाल घोष सारधा के मीडिया ग्रुप के के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। उनपर सारधा ग्रुप से फंड लेने का आरोप है। कुणाल घोष से जुलाई, 2019 और अक्टूबर, 2013 में भी पूछताछ हो चुकी है। मामले में जमानत पर बाहर चल रहे कुणाल घोष को 2013 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में तृणमूल से निलंबित कर दिया गया था। बाद में उन्हेंं पार्टी के प्रवक्ता के रूप में बहाल किया गया है।
वहीं बीरभूम से तृणमूल सांसद शताब्दी राय सारधा की ब्रांड एंबेसडर थी। वह बांग्ला फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री भी हैं। 10,000 करोड़ रुपये का सारधा चिटफंड घोटाला अप्रैल, 2013 में प्रकाश में आया था। इस मामले में ईडी अब तक 600 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क कर चुकी है। इससे पहले बंगाल में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गत दिनों तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य व वर्तमान में कोलकाता की जोड़ासांको विधानसभा सीट से तृणमूल के प्रत्याशी विवेक गुप्ता और पूर्व परिवहन मंत्री मदन मित्रा से सारधा चिटफंड घोटाले में पूछताछ की।
विवेक गुप्ता एजेंसी के साल्टलेक कार्यालय में पेश हुए। गुप्ता से तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई। पूर्व परिवहन मंत्री मित्रा भी एजेंसी के सामने पेश हुए। वित्तीय जांच एजेंसी ने सारधा घोटाले में दोनों को अलग-अलग समन जारी किया था। मित्रा महानगर से सटे उत्तर 24 परगना जिले की कामरहट्टी विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। करोड़ों के सारधा घोटाले में मित्रा को 2014 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने गिरफ्तार किया था। वह दो साल बाद 2016 में जमानत पर रिहा हुए थे। ईडी ने इसी मामले में जाने-माने कलाकार शुभाप्रशन्ना भट्टाचार्ज और तृणमूल विधायक समीर चक्रवर्ती से भी पूछताछ की थी।