बंगाल का रण: अपने ही विधानसभा क्षेत्र में घिरते जा रहे पर्यटन मंत्री, जानें डाबग्राम-फूलबाड़ी के बड़े मुद्दे
पिछले 10 साल से डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र के विधायक तथा राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव अपने ही विधानसभा क्षेत्र में घिरते जा रहे हैं। घास-फूल के लिए इस बार यहां कांटों की भरमार है। घास-फूल तृणमूल कांग्रेस का चुनाव चिन्ह है।
विपिन राय, सिलीगुड़ी: पिछले 10 साल से डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र के विधायक तथा राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव अपने ही विधानसभा क्षेत्र में घिरते जा रहे हैं। घास-फूल के लिए इस बार यहां कांटों की भरमार है। घास-फूल तृणमूल कांग्रेस का चुनाव चिन्ह है। विधानसभा चुनाव के लिए एक-दो दिनों में तृणमूल कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने वाली है, उससे पहले ही यहां भूमिपुत्र उम्मीदवार यानी स्थानीय उम्मीदवार उतारने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। गौतम देव इसी मुद्दे पर घिरते जा रहे हैं। यदि इस मांग ने जोर पकड़ा तो पार्टी से टिकट मिलने के बाद भी आगे की राह उनके लिए आसान नहीं होगी।
भूमिपुत्र उम्मीदवार को टिकट देने की मांग कई स्थानों पर पोस्टर लगे मिले। इस प्रकार के पोस्टर लगने से फिलहाल तो मंत्री गौतम देव को टेंशन जरूर हो गया है। क्योंकि गौतम देव सिलीगुड़ी में रहते हैं। जबकि चुनाव पड़ोसी विधानसभा क्षेत्र डाबग्राम-फूलबाड़ी से लड़ते हैं। वर्ष 2011 का चुनाव यहीं से लड़े और परिवर्तन की लहर में सवार होकर विधानसभा भी पहुंच गए। तब उन्होंने वाममोर्चा उम्मीदवार दिलीप सिंह को हराया था। राज्य मे सत्ता परिवर्तन के बाद वह ममता बनर्जी की सरकार मे मंत्री भी बने।
वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में भी गौतम देव इसी सीट से जीते। ममता सरकार के पहले कार्यकाल में उत्तर बंगाल विकास मंत्री थे तो दूसरे कार्यकाल मे उन्हें पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। अभी होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एक-दो दिनों में तृणमूल कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की घोषणा करने वाली है। यह तय माना जा रहा है कि गौतम देव को एक बार फिर से इसी विधानसभा क्षेत्र से ही टिकट मिलेगा। क्योंकि पिछले 15 दिनों से वह अपने विधानसभा क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं। इस बीच इस तरह के पोस्टर लगने से इस विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक पारा भी उफान पर है। इसको लेकर तृणमूल और भाजपा के बीच विवाद शुरू हो गया है। दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं।
यहां बता दें कि डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र में राजवंशियों की जनसंख्या काफी अधिक है। इसके अलावा करीब 12 फीसदी मुस्लिम मतदाता भी हैं। यहां राजवंशियों को ही भूमिपुत्र कहते हैं। यह विधानसभा क्षेत्र जलपाईगुड़ी लोकसभा के अधीन है।
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर बंगाल के 8 सीटों में से 7 सीटों पर कब्जा कर लिया था। डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र में भी तब चुनाव जीतने वाले भाजपा उम्मीदवार जयंत राय ने बढ़त बनाई थी। जयंत राय राजवंशी समुदाय के हैं। इसलिए भाजपा के निशाने पर इस बार डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र भी है। उत्तर बंगाल के दम पर ही भाजपा सत्ता में आने का सपना देख रही है। उत्तर बंगाल की 54 सीटों पर जीत के लिए भाजपा कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहती। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह भाजपा के इशारे पर पोस्टङ्क्षरग का भूमिपुत्र के मुद्दे को हवा दी गई है। दरअसल भाजपा राजवंशियों की ताकत को पहचान रही है। वह किसी को भी जीताने या हराने की ताकत रखते हैं।
पिछला चुनाव परिणाम
वर्ष 2011 के बाद वर्ष 2016 में डाबग्राम-फूलबाड़ी विधानसभा क्षेत्र से गौतम देव आसानी से जीते थे। दोनों ही बार गौतम देव ने वाम मोर्चा उम्मीदवार दिलीप सिंह को हराया था। पिछले चुनाव में भाजपा उम्मीदवार तथा वर्तमान में पार्टी के राज्य महासचिव रथींद्र बोस मात्र 26195 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। उन्हेंं 11.76 फीसदी मत ही मिला था। इस बार भाजपा की ताकत काफी बढ़ी है। भाजपा नेताओं को लगता है कि अबकी बार विधानसभा पर कब्जा नहीं कर सके तो फिर मुश्किल होगी।
लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार ने इस विधानसभा क्षेत्र से 86 हजार मतों की लीड ली थी। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार की ही जीत होगी। इसी से गौतम देव घबराए हुए हैं। एक लाख से अधिक वोट से भाजपा उम्मीदवार की जीत होगी। पोस्टर से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है।
प्रसेनजीत पाल,कन्वेनर,भाजपा
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पोस्टर लगने की खबर मुझे मिली है। मेरा कर्म क्षेत्र डाबग्राम-फूलबाड़ी रहा है। वहां मैंने एक मकान भी किराए पर लिया है। मै अपना अधिकांश समय अभी वही दे रहा हूं। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद किराए का मकान नहीं छोड़ेंगे। जनता की भलाई मेरा काम है। वहां मैने विकास के काम काफी किए हैं। क्षेत्र की जनता मेरे साथ है। भाजपा ही इस प्रकार की ओछी राजनीति कर सकती है।
गौतम देव,तृणमूल नेता तथा पर्यटन मंत्री