West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल की पिच पर उतरे ओवैसी, भाजपा की बढ़त के लिए तृणमूल को ठहराया जिम्मेदार
West Bengal Assembly Election 2021 असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राज्य में भाजपा की बढ़त के लिए तृणमूल को जिम्मेदार ठहराया। ओवैसी ने पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा के 18 सीटें जीतने को लेकर ममता को घेरा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Assembly Election 2021: बिहार चुनाव में मिली जीत से उत्साहित ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रमुख व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की नजरें अब बंगाल विधानसभा चुनाव पर है। राज्य में जारी सियासी घमासान के बीच यहां की सियासी पिच पर ओवैसी ने भी रविवार को कदम रख दिया। बंगाल में चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद ओवैसी रविवार सुबह पहली बार अचानक यहां के दौरे पर पहुंचे। सुबह विमान से कोलकाता पहुंचने के बाद ओवैसी सीधे हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ पहुंचे और यहां के पीरजादा व प्रमुख मुस्लिम धार्मिक नेता अब्बास सिद्दीकी के साथ बैठक कर राज्य के राजनीतिक हालात तथा आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की। उनकी पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी। बैठक के दौरान एआइएमआइएम के प्रदेश इकाई के प्रमुख नेता भी मौजूद रहे।
ओवैसी ने फुरफुरा शरीफ दरगाह में जियारत भी की। इससे पहले ओवैसी के यहां पहुंचने पर पीरजादा ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। दरअसल, फुरफुरा शरीफ के पीरजादा (धार्मिक नेता) अब्बास सिद्दीकी कई मुद्दों पर ममता सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की भी पिछले दिनों घोषणा की थी।वह अपना खुद का एक अल्पसंख्यक संगठन शुरू करने की भी योजना बना रहे हैं। उनका मुस्लिम समाज में काफी प्रभाव माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक, संभवतः दोनों के बीच बंगाल चुनाव साथ लड़ने और सीटों की साझेदारी पर चर्चा हुई है। बैठक के बाद ओवैसी ने पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राज्य में भाजपा की बढ़त के लिए तृणमूल को जिम्मेदार ठहराया। ओवैसी ने पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा के 18 सीटें जीतने को लेकर ममता को घेरा।
गौरतलब है कि ओवैसी की पार्टी ने पिछले साल नवंबर में बिहार चुनाव में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में पांच सीटों पर जीत दर्ज कर अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके बाद वह बंगाल में अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने में लगे हुए हैं। बंगाल में लगभग 30 फीसद मुस्लिम आबादी है। ओवैसी के साथ ही पीरज़ादा की नज़रें मुस्लिम वोटों पर है। इधर, ओवैसी के बंगाल दौरे व यहां पीरजादा के साथ उनकी इस बैठक से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व तृणमूल कांग्रेस नेताओं की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को बड़ी संख्या में मुस्लिमों के वोट मिलते रहे हैं।
तृणमूल को अपनी हार व बंगाल में भाजपा के उदय पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए: ओवैसी
एआइएमआइएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को उनके संगठन पर आरोप लगाने के बजाए खुद का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और देखना चाहिए कि किस तरह से भाजपा ने राज्य में 18 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की। ओवैसी हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ में पीरजादा व प्रमुख मुस्लिम धार्मिक नेता मौलाना अब्बास सिद्दीकी से मिलने आए थे। उन्होंने राज्य में विधानसभा चुनाव के संबंध में सिद्दीकी के साथ बैठक कर चर्चा की। ओवैसी ने तृणमूल कांग्रेस के इन दावों को भी खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी ‘‘भाजपा की बी-टीम’’ है और भगवा दल के विरोधी वोट में सेंध लगाएगी।
ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम राजनीतिक दल हैं, हम अपनी उपस्थिति साबित करेंगे और बंगाल में चुनाव लड़ेंगे।’’ ओवैसी ने आगे कहा, ‘‘... भारत की सियासत का मैं लैला हूं और मेरे मजनू बहुत हैं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’’ बाद में एक समाचार चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने अभी यह तय नहीं किया है कि यह अकेले चुनाव लड़ेगी या किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन करेगी।एआइएमआइएम प्रमुख ने दावा किया कि फुरफुरा शरीफ के ‘पीरजादा’ सिद्दीकी का उन्हें समर्थन हासिल है। बंगाल के हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ विख्यात दरगाह है।
वहीं, बिहार विधानसभा चुनावों में भाजपा नीत राजग की जीत में एआइएमआइएम द्वारा सहयोग करने के तृणमूल के दावे को खारिज करते हुए ओवैसी ने कहा कि पड़ोसी राज्य में उनकी पार्टी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से उसने पांच सीटों पर जीत हासिल की और महागठबंधन ने नौ सीटों पर जीत हासिल की, जबकि राजग ने छह सीटें जीतीं। ओवैसी ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के पक्ष में क्या रहा। पार्टी को विश्लेषण करना चाहिए कि उसके सदस्य क्यों छोड़ रहे हैं...।’’
ओवैसी की फुरफुरा शरीफ की यात्रा पर तृणमूल ने कही ये बात
ओवैसी की फुरफुरा शरीफ की यात्रा पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। तृणमूल के वरिष्ठ नेता एवं सांसद सौगत रॉय ने कहा, "एआइएमआइएम, भाजपा के छद्म रूप के अलावा कुछ नहीं है। ओवैसी अच्छी तरह से जानते हैं कि यहां ज्यादातर मुसलमान बंगाली भाषी हैं, और उनका समर्थन नहीं करेंगे। वह अब्बास सिद्दीकी के साथ संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई फायदा नहीं होगा। बंगाल में मुसलमान ममता बनर्जी के साथ मजबूती से खड़े हैं।" दूसरी ओर, बंगाल से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि ओवैसी के चुनाव लड़ने से यहां कोई असर नहीं पड़ेगा। यहां भाजपा ही जीतेगी और सरकार बनाएगी।
जानें-फुरफुरा शरीफ का इतिहास, पीरजादा का 12 से 15 लाख मुस्लिम परिवारों पर है प्रभाव
फुरफुरा शरीफ में अबू बक्र सिद्दीकी और उनके पांच बेटों का मजार (दरगाह) है, जिन्हें पंच हुजूर कबाला के नाम से जाना जाता है। वह एक सामाजिक और धार्मिक सुधारक थे, जिन्होंने धर्मार्थ संस्थानों, अनाथालयों, मदरसों, स्कूलों और शिक्षण केंद्रों की स्थापना की थी। उनके प्रति मुस्लिमों में गहरी आस्था है।यह मजार मुस्लिमों का एक प्रमुख धार्मिक आस्था का केंद्र है। सन् 1375 ई में मुकिलिश खान ने यहां मस्जिद का भी निर्माण कराया था। विशेष रूप से उर्स त्योहार के दौरान हर साल यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। जानकारों के मुताबिक, फुरफुरा शरीफ के पीरजादों का 12 से 15 लाख बंगालाभाषी मुस्लिम परिवारों पर प्रभाव है। बंगाल में 7-8 जिले खासकर हुगली, हावड़ा, बर्धमान, उत्तर व दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद, मालदा एवं उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर में इनका गहरा प्रभाव है। ये सुन्नी मुस्लिम हैं और बरेलवी विचारधारा के हैं।