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West Bengal: कोलकाता के बालीगंज छावनी के जंगल से सेना जवान का शव बरामद

पहले बंगाल के मालदा जिले में तैनात दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 78वीं वाहिनीं के एक बहादुर जवान की गंगा नदी के तेज बहाव में नाव पलटने से गिरकर मौत हो गई थी। 23 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसका शव बरामद किया गया था।

By Priti JhaEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 03:13 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 03:13 PM (IST)
West Bengal: कोलकाता के बालीगंज छावनी के जंगल से सेना जवान का शव बरामद
कोलकाता के बालीगंज छावनी के जंगल से सेना जवान का शव बरामद

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राजधानी कोलकाता के बालीगंज इलाके में स्थित सेना कैंप के जंगल से एक जवान का शव बरामद किया गया है। उसकी पहचान अशोक गारगाद के तौर पर हुई है। मूल रूप से वह कर्नाटक का रहने वाला था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार रात गले में तार लिपटी हुई हालत में उसका शव फंदे से झुलता हुआ बरामद हुआ है।सूचना मिलने के बाद बालीगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। शव बरामद कर परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। मौके से हिंदी में लिखा हुआ एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि 36 वर्षीय यह जवान उत्तर बंगाल में तैनात था। तबादले के बाद पांच अक्टूबर को कोलकाता आया था।

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पुलिस सुसाइड नोट की पड़ताल कर रही है और मौत की वजह को समझने की कोशिश कर रही है।आखिर किस वजह से जवान ने यह कदम उठाया या इसके पीछे क्या वजह है, पुलिस तमाम पहलुओं की जांच कर रही है। इधर, सेना की ओर से जवान के स्वजनों को घटना की सूचना दे दी गई है।

बताते चलें कि इससे पहले बंगाल के मालदा जिले में तैनात दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 78वीं वाहिनीं के एक बहादुर जवान की गंगा नदी के तेज बहाव में नाव पलटने से गिरकर मौत हो गई थी। 23 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसका शव बरामद किया गया था।

शहीद जवान शैलेन्द्र दुबे उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के नौबस्ता गांव के रहने वाले थे। यह घटना 78वीं वाहिनीं की सीमा चौकी चापघाटी इलाके की है, जब 12 अक्टूबर की रात लगभग 11.30 बजे बहादुर जवान शैलेन्द्र दुबे, ड्यूटी करने के लिए अपने दो साथियों के साथ जा रहा था। गंगा नदी के बीच मझधार में नाव के पहुंचने पर अचानक नदी का बहाव नाव को बहाकर ले जाने लगी तभी शैलेन्द्र दुबे का संतुलन बिगड़ गया तथा वे संभल नहीं पाये और हथियार समेत गंगा नदी के तेज बहाव में गिर गए थे। उनके साथियों ने उन्हें बचाने का भरसक प्रयास किया लेकिन बहाव की तेज वजह से वे नदी के गर्भ में समा गए। लगभग 23 घंटे चले सर्च अभियान के बाद जवान के शव को खोज निकाला गया। 


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