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फिर अदालत पहुंचा उच्च प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति का मामला, कलकत्ता हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती

उच्च प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति का मामला फिर से अदालत पहुंच गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दी गई है। न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार और न्यायाधीश सौगत भट्टाचार्य की डिवीजन बेंच इसी हफ्ते इसपर सुनवाई कर सकती है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 04:26 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 04:26 PM (IST)
फिर अदालत पहुंचा उच्च प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति का मामला, कलकत्ता हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती
डिवीजन बेंच इसी हफ्ते कर सकती है मामले पर सुनवाई।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : उच्च प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति का मामला फिर से अदालत पहुंच गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दी गई है। न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार और न्यायाधीश सौगत भट्टाचार्य की डिवीजन बेंच इसी हफ्ते इसपर सुनवाई कर सकती है। मामलाकारी राजीव ब्रह्म के अधिवक्ताओं ने बताया कि स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी)की ओर से उच्च प्राथमिक शिक्षक के पदों पर नियुक्ति के लिए इंटरव्यू हेतु उम्मीदवारों की जो सूची जारी की गई है, उसमें ढेर सारी विसंगतियां हैं। उन विसंगतियों को दूर किए बिना नियुक्ति की प्रक्रिया आगे कैसे बढ़ाई जा सकती है?

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गौरतलब है कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने उच्च प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति पर लगी अंतरिम रोक गत शुक्रवार को हटा दी थी और नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढा़ने का निर्देश दिया था। न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने कहा था कि वे एसएससी की ओर से प्रकाशित की गई नई सूची से संतुष्ट हैं। नियुक्ति की प्रक्रिया पांच साल से पूरी नहीं हुई है। वे नहीं चाहते कि नियुक्ति में और देरी हो।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने आगे कहा था कि 2016 में आवेदन करने वालों में से कई ने आयु सीमा पार कर ली है। वे राज्य सरकार और एसएससी से उन्हें उम्र में पांच साल की छूट देने का अनुरोध करते हैं। सिंगल बेंच ने यह भी कहा था कि जिन परीक्षार्थियों के नाम किसी गलती के कारण सूची में नहीं आ पाए हैं, वे अगले दो सप्ताह के भीतर एसएससी को सूचित कर सकते हैं।

एसएससी आठ सप्ताह के भीतर आरोपों की जांच करेगा। उसके बाद उक्त परीक्षार्थी को पत्र या ईमेल द्वारा जवाब भेजना होगा। कुल मिलाकर 12 सप्ताह के भीतर यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। उसके लिए एसएससी चाहे तो विशेष अधिकारियों की नियुक्ति कर सकता है, जो इन शिकायतों को देखेंगे।


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